बड़ी ख़बरः-हरिद्वार कुंभ कोविड टेस्ट घोटाले में दो अधिकारी निलंबित

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उत्तराखंड के कुंभ मेला कोरोना टेस्टिंग घोटाले  से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है। सरकार ने हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान कोरोना जांच में हुए फर्जीवाड़े के मामले में दो अधिकारी निलंबित कर दिया है। शासन ने कुम्भ मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अर्जुन सेंगर और नोडल अधिकारी एन के त्यागी को किया निलंबित कर दिया है।

इन दोनों अधिकारियों को कोरोना जांच में सही तरीके से निगरानी न करने और बिना जांच के 30 लाख के बिल जारी करने के आरोप में निलंबित किया गया है। कुछ समय पहले ही हरिद्वार के जिलाधिकारी ने सीडीओ के द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट स्वास्थ सचिव अमित नेगी को सौंपी थी जिसके बाद अब मंत्री धन सिंह रावत तक यह रिपोर्ट पहुंच गई। अधिकारियों पर आरोप इतने गंभीर हैं जिसके बाद इन अधिकारियों का निलंबन कर दिया गया है।

यह था कुंभ मेला कोरोना टेस्टिंग मामल

आपको बता दें कि कुंभ मेले के दौरान उत्तराखंड सरकार ने 11 निजी कंपनियों को मेले में शामिल होने वाले लोगों का आरटी-पीसीआर टेस्ट करने के लिए अधिकृत किया था। लेकिन इस घोटले की पर्दा तब उठा जब 22 अप्रैल, 2021 को पंजाब के फरीदकोट में रहने वाले एक एलआईसी एजेंट विपिन मित्तल को एक मैसेज आया। जिस में उन्हें कोरोना टेस्ट को लेकर एक रिपोर्ट की लिंक दी गई थी। जबकि उन्होंने अपना कोरोना टेस्ट कराया ही नहीं था। इस मैसेज को देख कर वह हैरान हो गए। जिसके बाद विपिन मित्तल लगा की उनका पर्सनल डेटा चोरी हो गया और कोई उसका दुरुपयोग कर रहा है। जिसकी शिकायक उन्होंने स्थानीय जिला अधिकारियों को की,जब इसकी वहां सुनवाई नहीं हुई तो।

जिसके बाद विपिन मित्तल भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) को एक ईमेल भेज कर शिकायत दर्ज की,इस पर कोई जवबा न मिलने पर विपिन मित्तल ने इस मामले को लेकर एक आरटीआई दायर की तो उन्हें पता चला कि जिस प्रयोगशाला ने मित्तल का कोविड टेस्ट किया गया था वो हरिद्वार में है। इस मामले की जब जांच हुई तो पता चला कि मित्तल अकेले नहीं थे। एक बड़े घोटाले के तहत करीब एक लाख फर्जी रिपोर्ट पेश की गई। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, प्रशासन द्वारा किराए पर ली गई 22 प्रयोगशालाओं द्वारा चार लाख के करीब कोविड टेस्ट किए गए।