Uttarakhand:-अमृत कलश यात्रा और अमृत महोत्सव के समापन पर सांसदों ने किया शहीदों को नमन,पीएम मोदी आज कर्तव्‍य पथ पर अमृत कलश यात्रा के समापन कार्यक्रम में होंगे शामिल

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“मेरी माटी मेरा देश” अभियान के अन्तर्गत उत्तराखण्ड से भेजे गए अमृत कलश यात्रा और अमृत महोत्सव समापन समारोह पर उत्तराखण्ड राज्य का नेतृत्व उत्तराखंड के सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह,अजय टम्टा,तीरथ सिंह रावत द्वारा किया गया। सांसदों एवं स्वयंसेवकों द्वारा कर्तव्य पथ पर अमृत कलश के मिट्टी और चावलो को विशाल अमृत कलश में मिश्रित किया गया। उसके उपरान्त कर्तव्य पथ पर राज्यों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज नई दिल्ली में कर्तव्‍य पथ पर मेरी माटी-मेरा देश अभियान के तहत अमृत कलश यात्रा के समापन कार्यक्रम में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम आजादी के अमृत महोत्सव के समापन समारोह का भी प्रतीक होगा। मेरी माटी-मेरा देश अभियान देश के लिए सर्वोच्‍च बलिदान देने वाले वीरों और वीरांगनाओं के प्रति एक श्रद्धांजलि है।
अमृत कलश यात्रा और अमृत महोत्सव के समापन पर उत्तराखण्ड के सांसदो ने कहा कि उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है ऐसे में जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीरों और शहीदों का सम्मान किया जा रहा है वो बहुत बड़ा कदम है। कर्तव्यपथ पर आयोजित ‘‘मेरी माटी मेरा देश’’ अभियान के समापन समारोह को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संबोधित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि “अमृत कलश यात्रा“ में देवभूमि उत्तराखण्ड के सुदूरवर्ती अंचलों के 95 विकासखण्डों व 101 नगर-निकायों से 192 तथा नेहरू युवा केंद्र से 166 स्वयंसेवक उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यह कलश यात्रा अमर शहीदों के त्याग एवं बलिदान याद रखने के उद्देश्य से संपूर्ण देशभर में “मेरी माटी मेरा देश’’ महाभियान के अंतर्गत चलाई गइ।
इस यात्रा के तहत अमर शहीदों की जन्मभूमि की मिट्टी को अमृत कलश में दिल्ली स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक तक पहुंचाया गया है। अमृत कलश यात्रा के तहत देशभर से 7500 कलशों में आने वाली मिट्टी और पौधों को मिलाकर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के पास ’अमृत वाटिका’ बनाई जाएगी।
आपको बता दें कि बीते शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में हिमालयन संस्कृति केन्द्र,निम्बूवाला,गढ़ी कैंट में ‘मेरी माटी मेरा देश’ कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य स्तरीय ‘अमृत कलश यात्रा’ का आयोजन किया गया था तथा अमृत कलशों को दिल्ली रवाना किया गया था।