उत्तराखंड निकाय चुनावों के 1 जनवरी को नाम वापसी का दिन था। देर शाम तक भाजपा-कांग्रेस के कई लोगों ने मैदान से हटने का मन भी बनाया,लेकिन कई लोगो अभी भी मैदान में डटे भी है। इस सब के बीच भाजपा ने निकाय चुनावों में अनुशासनहीनता को लेकर कार्यकर्ताओं को अंतिम चेतवानी जारी की है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि पार्टी सर्वोपरि है लिहाजा सर्वसम्मति और पार्टी संविधान अनुरूप किया गया निर्णय हम सबके लिए बाध्यकारी है।
- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने की अपील,पार्टी और प्रदेश हित मे निजी स्वार्थ को छोड़े कार्यकर्ता।
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने निकायों में नामांकन वापसी की समीक्षा करते हुए सभी जिम्मेदार पदाधिकारियों से प्रयास अधिक तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि अधिकांश स्थानों पर जहां पार्टी के किसी कार्यकर्ता द्वारा निर्दलीय नामांकन किया था,वह वापिस ले लिए गए हैं। इस संबंध में ऐसे सभी लोगों ने पार्टी के सिद्धांतों,अनुशासन और क्षेत्रीय विकास के पक्ष में अपने कदम पीछे किए हैं। चूंकि हम सबका एक ही उद्देश्य है,प्रदेश की जनता की सेवा करना और उसके लिए पार्टी की मजबूती जरूरी है। यही वजह है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को पीछे रखकर,सभी कार्यकर्ता पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार को जिताने के लिए एकजुट हो गए हैं।
उन्होंने अभी तक नाम वापिसी का निर्णय नहीं लेने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं से भी अपील की है कि सभी कल अंतिम दिन नामांकन वापिस ले लें। वहीं ऐसा नहीं करने वाले लोगों को अंतिम चेतावनी देते हुए कहा कि जो लोग पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे,उन पर पार्टी संविधान के अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। जिसके तहत उन्हें 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा। पार्टी नही चाहती कि किसी को भी ऐसी अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़े,इसलिए जिम्मेदार पदाधिकारियों से सलाह मशविरे के बाद पार्टी और प्रदेश हित मे व्यक्तिगत हितों को तिलांजलि दें। उन्होंने उम्मीद जताई कि कल नामांकन वापसी की तिथि समाप्त होने तक पार्टी के सभी ऐसे निर्दलीय अपने कदम खींच लेंगे।