राजधानी दिल्ली में उत्तराखंड समाज के लोग बड़ी तादाद में रहते है। जिनकी संख्या लगभग 25 लाख के आसपास है। पहाड़ी समाज के इन लोगों ने दिल्ली जैसे शहर में पहाड़ से दूर रहकर अपने परिवेश,अपनी परंपराओं और अपनी लोक संस्कृति को जीवंत बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। सांस्कृतिक,साहित्यिक,सामाजिक और लोक उत्सवों के माध्यम से पहाड़ के लोगों ने अपने परिवेश को पहाड़ से दूर रहते हुए भी तमाम शहरों में हमेशा खुद से जोड़े रखा।
इसी क्रम में ‘उत्तराखंड लोकभाषा साहित्य मंच’,‘उत्तराखंड एकता मंच दिल्ली’ एवं भुम्याल विकास मंच के तत्वावधान में आगामी 21 नवम्बर 2021 को दिल्ली में रास विहार, डी.डी.ए पार्क नजदीक विनोद नगर,मंडावली मेट्रो स्टेशन में रविवार, दोपहर 1 बजे द्वितीय उत्तराखंडी महाकुंभ का विशाल एवं भव्य आयोजन किया जा रहा है। जिसके केंद्र में हैं,उत्तराखंड बोली-भाषा,उत्तराखंड की सांस्कृतिक,साहित्यिक और सामाजिक धरोहर को जीवित रखना,आगे बढ़ाना और नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़ने का प्रायस करना।
‘उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच’,‘उत्तराखंड एकता मंच’ और ‘भुम्याल विकास मंच’ द्वारा उत्तराखंडी महाकुंभ (द्वितीय) के आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए बुधवार को दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (डीपीएमआई) के चेयरमैन एवं उत्तराखण्ड लोक भाषा साहित्य मंच के संरक्षक डॉ.विनोद बछेती की अध्यक्षता में (डीपीएमआई) सभागार न्यू अशोक नगर दिल्ली में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में उत्तराखंड समाज से जुड़े गणमान्य व्यक्तों एवं सामाजिक संस्थाओं से जुड़े प्रबुद्धजनों ने इस द्वितीय उत्तराखंडी महाकुंभ के भव्य आयोजन एवं प्रचार-प्रसार के संबंध में चर्चा की।
इस बैठक में फेसबुक,ट्विटर,इंस्टाग्राम,व्हाट्सएप, आदि सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाने के लिए टीम बनाई गई। ताकि सोशल मीडिया के माध्यम से इस कार्यक्रम के आयोजन की सूचना दिल्ली-एनसीआर में रह रहे सभी उत्तराखंडी लोगों तक पहुँच सकें और इस आयोजन को भव्य एवं सफल बनाया जा सके। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य आयोजक डॉ.विनोद बछेती ने बताया कि इस समारोह में उत्तराखंडी संस्कृति,साहित्य एवं लोक कला की झलक एक साथ देखने को मिलेगी। जिसमें गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी,स्वर कोकिला मीना राणा एवं बिशन सिंह हरियाला,भगवत मंनराल आदि लोक कलाकारों की टीम सांस्कृतिक प्रस्तुति देगी।
साथ ही प्रसिद्द ढोल वादक उत्तम दास जो कि एक साथ ढोल एवं दमाऊ बजाने में पारंगत हैं। अपनी अदभुत कला का प्रदर्शन करेंगे। इसी के साथ इस द्वितीय उत्तराखंडी महाकुंभ के मंच पर उत्तराखंड की तमाम प्रतिभाओं और गणमान्य व्यक्तियों का सम्मान भी किया जाएगा।