चकबंदी दिवस पर दिल्‍ली में वॉयस ऑफ माउंटेन एवं उत्तरांचल युवा प्रवासी समिति ने आयोजित की बैठक-उत्तराखंड के गांव-गांव जाकर चकबंदी के लिए जनजागरण कर सरकार पर दवाब बनाने का निर्णय

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चकबंदी दिवस पर दिल्ली में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी वॉयस ऑफ माउंटेन (voice of mountains) एवं उत्तरांचल युवा प्रवासी समिति ने गढ़वाल भवन दिल्ली में चकबंदी दिवस के अवसर पर एक परिचर्चा का आयोजन किया। ‘चकबंदी दिवस’ चकबंदी आन्दोलन के प्रणेता गणेश सिंह गरीब के जन्मदिन पर हर वर्ष मनाया जाता है। श्री गरीब ने उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में खेतों की चकबंदी करवाने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया है और आज 86 वर्ष की आयु में भी निरन्तर संघर्ष कर रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में सैकड़ों युवा आज चकबंदी की आवाज को बुलंद कर रहे हैं एवं राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं।

इस बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने चकबंदी के महत्व को जानते हुए सरकार से तत्काल अनिवार्य चकबंदी लागू करने का आग्रह किया। इस अवसर पर बोलते हुए 1uk के अजय बिष्ट ने चकबंदी के साथ साथ एक प्रभावी भू-कानून बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के नाम पर पूरे पहाड़ के पहाड़ तीस साल की लीज पर दिये जा रहे हैं। उन्होंने आशंका जताई कि भविष्य में इन पहाड़ों पर बाहरी लोगों का कब्जा हो जाएगा।

महावीर रमोला एवं रविन्द्र सिंह चौहान ने अनिवार्य चकबंदी लागू करने की बात कही साथ ही इसके लिए ग्राम स्तर पर लोगों को जागरूक करने पर बल दिया,संजय चौहान ने लोगों को जागरूक करने लोगों की हीन भावना को दूर करने तथा प्रवासी एवं रेवासी लोगों के बीच बनी खाई को पाटने पर जोर दिया। महेंद्र सिंह रावत के अनुसार अभी कुछ ही लोग चकबंदी के विषय में ज्ञान रखते हैं। इसलिए हमें ब्लाक स्तर पर चकबंदी से सम्बंधित कार्यक्रम करने चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए।

अनूप सिंह रावत जो स्वयं चकबंदी कार्यकर्ता हैं,उन्होंने कहा कि अगर लोगों को सही जानकारी के साथ जागरूक किया जाएगा तो वो चकबंदी के लिए अवश्य तैयार हो जाएंगे। उन्होंने कहा हम ऐसा ही प्रयोग अपने गांव में कर चुके हैं और आज हमारा गांव चकबंदी लागू करने के लिए नोटीफाइड हो चुका है और सरकार वहां सर्वे भी कर चुकी हैं।

गढ़वाली कुमाऊनी-जौनसारी अकादमी के सदस्य निशांत रौथाण ने इस मौके पर कहा कि अगर खेती बाड़ी को जिन्दा रखना है तो चकबंदी करना जरूरी है,उमेश बन्दूनी ने लोगों को संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठकर समाज के बारे में सोचने तथा एकजुट होने का आह्वान किया।

उत्तराखंडी फिल्मों के अभिनेता एवं लेखक बृजमोहन वेदवाल ने स्पष्ट किया कि चकबंदी एक सरकारी प्रक्रिया है और सरकार को पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से इसे लागू करना चाहिए। हम सबको मिलकर सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। तभी हम इस दिशा में सफलता प्राप्त कर सकते है।

शिवशंकर बलूनी ने कहा कि सभी सामाजिक संगठनों को एक साथ मिलकर इस सम्बन्ध में काम करना चाहिए,जगत सिंह रावत एवं धनसिंह रावत ने कहा कि हमें अपनी बात को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पंहुचानी चाहिए,देवेंद्र रावत ने कहा कि सभी राजनीतिक दल चकबंदी को मधुमक्खी का छत्ता मानते हैं और कोई भी सरकार इसमें हाथ नहीं डालना चाहती है। भूपेंद्र सिंह ने जमीनों की सही-सही नाप करके वास्तविक खातेदारों को बताना चाहिए। जिससे सभी को अपनी जमीनों की सही जानकारी हो सके।

इस अवसर पर हेमंत नेगी ने लोगों को पहाड़ जाकर काम करने की सलाह दी जिससे हमें उत्तराखंड के हालातों की सही जानकारी मिल सके और वहां की कठिनाइयों को दूर करने के प्रयास किए जा सके। जगमोहन जिज्ञासु ने सभी लोगों का उनकी उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त किया और चकबंदी आन्दोलन में अपनी भूमिका निभाने का आग्रह किया।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ लेखक-पत्रकार चारू तिवारी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि चकबंदी एक नीतिगत सरकारी प्रक्रिया है और सरकार को इस पर स्पष्ट नीति बनानी चाहिए।

चकबंदी दिवस के अवसर पर दिल्ली राजधानी क्षेत्र के समाजसेवी, पत्रकार,साहित्यकार एवं रंगकर्मी शामिल हुए जिसमें वरिष्ठ पत्रकार एवं उत्तराखण्ड मामलों के जानकार चारू तिवारी,1UK के संयोजक अजय बिष्ट,समाजसेवी महावीर रमोला,रविन्द्र सिंह चौहान,संजय चौहान,महेंद्र सिंह रावत,शिवशंकर बलूनी,प्रकाशक एवं साहित्यकार अनूप सिंह रावत,गढ़वाली कुमाऊनी-जौनसारी अकादमी के सदस्य निशांत रौथाण,रंगकर्मी उमेश बन्दूनी,फिल्म अभिनेता एवं साहित्यकार बृजमोहन वेदवाल,उत्तराखंड जन जागृति संघ के अध्यक्ष देवेंद्र रावत, महासचिव,जगत सिंह रावत,सदस्य धन सिंह रावत,उत्तरांचल युवा प्रवासी समिति के अध्यक्ष हेमंत नेगी,समाजसेवी भूपेंद्र सिंह,भू-कानून संघर्ष समिति के संयोजक अनिल पंत,रंगकर्मी एवं साहित्यकार दर्शन सिंह रावत,वॉयस ऑफ माउंटेन (Voice of mountains) के संयोजक जगमोहन जिज्ञासु एवं संपादक विनोद मनकोटी प्रमुख थे। इस मौके बैठक में शामिल सभी लोगों ने गणेश गरीब जी को जन्म दिवस की बधाई दी एवं उनकी दीर्घायु की कामना की।