श्रीकृष्ण जन्माष्टमी-कहीं आज,तो कहीं शुक्रवार को मनाई जाएगी जन्माष्टमी,उत्तराखंड में 19 अगस्त को छुट्टी घोषित

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देशभर में जन्माष्टमी की धूम है। कई राज्यों में आज यानि गुरूवार को श्रीकृष्ण ज्माष्टमी मनाई जा रही है। कई राज्यों में शुक्रवार को ज्माष्टमी मनाई जाएगी। जन्माष्टमी को लेकर बाजारों में खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है। लोग लड्डू गोपाल के लिए नई-नई पोशाक,बांसुरी,मुकुट और मिठाई खरीद रहे है।

पिछले दो वर्षों में कोरोना संक्रमण के चलते कोई भी त्योहार ठीक से नहीं मनाया गया था। दो वर्ष बाद इस बार त्योहारी सीजन में बाजारों में बढ़ी भीड़ देखी जा रही है। दुकानें सजी हैं,जिसके चलते दुकानदारों के चेहरे खिले है।

इस बीच इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तिथि  को लेकर असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। अलग-अलग तर्कों के आधार पर 18 और 19 अगस्त को गृहस्थों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने की सलाह दी जा रही है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। जिसके अनुसार आज अष्टमी तिथि रात 9 बजकर 20 मिनट से शुरू हो जाएगी जो शुक्रवार रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मध्यरात्रि में श्रीकृष्ण जन्म की मान्यता के अनुसार अष्टमी तिथि 18 अगस्त को ही मध्यरात्रि में पड़ेगी। शास्त्रीय परंपरा के अनुसार गृहस्थ एक दिन पहले यह त्योहार मनाते हैं और साधु-संत दूसरे दिन। ऐसे में गृहस्थों को 18 अगस्त और संतों को 19 अगस्त को पर्व मनाना चाहिए।

 मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने प्रदेशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने मनुष्य को निष्काम कर्म के लिए सदैव समर्पित रहने,दीन-दुखियों एवं समाज के उपेक्षित वर्ग के कल्याण का संदेश दिया। उनका जीवन संपूर्ण मानव जाति को अधर्म, अन्याय एवं अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष की प्रेरणा देता है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में भक्ति,ज्ञान,योग व कर्म का जो संदेश दिया है,वह आज भी प्रासंगिक है।
उत्तराखंड में कृष्ण जन्माष्टमी की छुट्टी अब 19 अगस्त को घोषित की गई है। पहले यह छुट्टी 18 अगस्त को तय की गई थी. राज्य सरकार ने इसको लेकर एक शासनादेश जारी किया है।