अनिल बलूनी के बाद अब फेसबुक पर रेखा आर्य और हरीश रावत का द्वंद्व,‘दाज्यू ठैरे मूनठेपी मारखूली बल्द’

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उत्‍तराखंड के पूर्व मुख्‍यमंत्री और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत फेसबुक पर आजकल अपनी नई पोस्टों को लेकर चर्चाओं में है। कभी वह अपने विरोधियों की कार्यशैली की तारीफ करते हैं,तो कभी विरोध,जिसके चलते उनके विपक्षी भी कभी हरीश रावत की टिप्पणियों पर चुटकी ले रहे हैं तो कभी उनके सम्मान में दो आखर उकेर देते है। लेकिन इस फेसबुक द्वंदव में राजनीतिक तीर ज्यादा चलते हुए दिख रहे है। अब इस क्रम में उत्तराखंड के राजनैतिक पटल पर एक और फेसबुक द्वंदव चर्चाओं में है।

कुछ दिन पहले इस क्रम में भाजपा के राष्‍ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी और हरदा के बीच इंटरनेट मीडिया पर बहस छिड़ी थी। यह बहस व्यंगात्मक के साथ आरोप-प्रत्यरोप से होते हुए सम्मान तक पहुंची थी। जिसकी तमाम राजनैतिक मंचों पर चर्चा भी हुई। इसी क्रम अब उत्तराखंड की महिला सशक्तीकरण व बाल विकास मंत्री रेखा आर्य और हरदा के बीच एक नई बहस छिड़ गई है। जो अब राजनीतिक गलियारों से लेकर आम जनता के बीच चर्चा की विषय बनी हुई है।

दरअसल कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कुछ घंटे पहले अपने फेसबुक अकाउंट पर हरदा पर कटाक्ष करते हुए लिखा था कि “सेवानिवृत्त दाज्यू फिर बोलें, बड़े दाज्यू  हरीश रावत जी आपको कुछ न कुछ बोलना ही है वैसे हमारे पहाड़ में एक किस्सा है कि…होशियार तो म्यर बौज्यू लै छी लेकिन उन्नर बात मानन मेरी ईज लै नी छी” यही कहावत आप पर लागू हो रही है। क्योंकि उम्र के इस पड़ाव में आप खुद को २०२२ का स्वयंभू मुख्यमंत्री घोषित कर दे रहे हो और आपकी उस बात को आपकी पार्टी ही नहीं मान रही है।

इधर दाज्यू T.H.R पर भी बोले कि “आपने हजारों महिलाओं के सपने को बर्बाद कर दिया”,दाज्यू बुरा मत मानना लेकिन इस प्रदेश की हजारों नहीं बल्कि लाखों महिलाओं के सपने तो आपने बर्बाद किये मुख्यमंत्री बनकर । जहा तक T.H.R का सवाल है यह केंद्र पोषित योजना है, इसमें केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के क्रम में T.H.R की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु T.H.R में कच्चे राशन के वितरण को प्रतिबंधित करते हुए माइक्रो न्यूट्रिएंट् फोर्टिफाइड ( विटामिन एवं मिनरल युक्त) पोषण आहार को लैब से टेस्टिंग करवाकर वितरण किया जाना अनिवार्य कर दिया है।”

रेखा आर्य के इस कटाक्ष के बाद भला हरदा कैसे चुप बैठ सकते थे। लगे हाथों उन्होंने भी अपनी बात कह डाली,कुछ इन शब्दों में…कुछ उज्याड़ू बल्द और उज्याड़ू बकरियां,मुझसे पूछ रहे हैं कि मेरा कौन सा चुनाव आखिरी है? अरे जब-जब उत्तराखंडियत पर आक्रमण होगा,किसान और दलित के हितों पर चोट पहुंचेगी,महिलाओं का निवाला छीना जाएगा,नौजवानों से रोजगार छीना जाएगा,हरीश रावत श्मशान से भी आकर के खड़ा हो जाएगा। इस समय इन सब वर्गों के हिस्सों पर निरंतर चोट हो रही है और यह चोट मुझसे कह रही है कि हरीश रावत एक राउंड और तुमको 50 साल के हरीश रावत के तरीके से खेल खेला होवे।

हरीश रावत की इस प्रक्रिया के बाद रेखा आर्य ने तुरंत ही अपनी प्रतिक्रिया फेसबुक पर टांग दी। कुछ इस तरह

“दाज्यू ठैरे मूनठेपी मारखूली बल्द”

अबकी दाज्यू बोले खेल खेला होवे दाज्यू होवे तो जरूर लेकिन पहले अपनी पार्टी से करो अभी तो आपकी पहली लड़ाई अपनी पार्टी से है अपना चेहरा बनाने की अब तक आप स्वयंभू मुख्यमंत्री चेहरा जो ठैरे।

दाज्यू उज़्याड़ू बल्द और बकरियाँ तो एक बार आवाज से वापस भी आ जाते हैं लेकिन हमारे वहां एक और खतरनाक बल्द होता है जिसे कहते हैं “मारखूली,मुनठेपी बल्द” ये बल्द अपने आसपास किसी को फटकने नहीं देता और हमेशा खुद का ही पेट भरने में रहता है जिस की प्रवृत्ति से हार कर सभी उसके इर्द-गिर्द से दूर हो जाते हैं,और अंत में वह अकेला ही रह जाता है। वही स्थिति अब आपकी भी हो रही है क्या करें दाज्यू आपकी आदत तो रही है *सबको परेशान करो राज करो उसी की परिणित रही है कि आप आज अकेले ही चलने को मजबूर हो। दाज्यू आपने एक बात और कही कि जब-जब उत्तराखंडियत पर चोट होगी आप शमशान से भी आकर खड़े हो जाओगे, अब जब उत्तराखंडियत की नहीं मुख्यमंत्री पद की बात होती है। तब-तब आप जवान हो जाते हो और जब-जब आप जवान होने की कोशिश करते हो तब-तब आप की पार्टी के ही नेता जो आपके टॉप 10 के खास थे। वह कह देते हैं कि अब कांपते हाथ सत्ता नहीं संभाल सकते,दाज्यू ये आपकी पार्टी के लोग आपका ऐसा उपहास करते है जिससे हमें भी तकलीफ होती है।

दाज्यू बुढ़ापे में आप ऐसी हरकत करते ही क्यों हो? आप मुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा के नेताओं को उज्याड़ू बल्द जैसे किन-किन शब्दों से सम्बोधित पर देते हो लेकिन आपकी पार्टी के नेताओं के लिए भी कोई शब्द ढूंढो तो अच्छा लगेगा लेकिन आप नहीं कहोगे। क्योंकि आप उनसे डरते हो,कहीं उन्होंने पुराना हिसाब-किताब व बंदर,सूअरों वाले राज खोल दिए फिर तो बुढ़ापा और भी खराब होना तय है।

और दाज्यू आज आप  उत्तराखंडियत,महिलाओं,नौजवानों की बात कर रहे हो लेकिन जिस दिन रामपुर तिराहा,मंसूरी, खटीमा जैसे शर्मनाक गोली कांड हुए। उस दिन आपके भीतर का उत्तराखंडियत क्यों अवतरित नहीं हुआ होगा यह प्रश्न हमेशा चिंताजनक है?

दाज्यू यह बुढ़ापा है कि जिद छोड़ता नहीं और इसलिए आप बोलना नहीं छोड़ पा रहे, मैं आपको कई बार एक शुभचिंतक होने के नाते राय दे चुकी हूं कि अब आराम करो फेसबुक में नेता ज्यादा दिन तक चर्चित नहीं होता आप लिखते हो तो हमें भी लिखना पड़ता है। अब आपके पास कुछ काम है नहीं, जनता आप को सेवानिवृत्त कर चुकी है।

और हमारी पार्टी को जनता लगातार प्रदेश नहीं देश में भी सेवा का अवसर दे रही है तो हमें जनता की चिंता करनी है।

आपकी डेनिस अब सिर्फ आपकी यादों में रह गई क्योंकि ना तो कांग्रेस की सरकार आएगी और ना ही आप मुख्यमंत्री बनेंगे और ना ही आपकी डेनिस वापसी आएगी। इसलिए आप चैन से रहो ‘भाजपा 60  प्लस के साथ सरकार बनाने जा रही है।

जो भी हो उत्तराखंड के राजनैतिक पटल पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य और हरदा के बीच चल रहा यह फेसबुक द्वंद्व कहा जा कर रुकेगा यह देखने वाली बात होगी। लेकिन इस बहाने दोनों ही दल उत्तराखंड में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए खुद के वजूद को जरूर जांच रहे है।