उत्तरांचल प्रेस क्लब सभागार में आयोजित परिचर्चा का संचालन गणेश खुगशाल गणि ने किया। पुस्तक के लेखक मितेश्वर आनंद ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि मेरी किताब जीवन में घटित अनुभूति को शब्दों में संजोने की कोशिश है।
पर्यावरणविद पद्मश्री कल्याण सिंह रावत मैती ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि हैंडल पैंडल ऐसी किताब है,जिसमें प्रस्तुत कहानियां हर पाठक के जीवन से जुड़ी हुई हैं और लेखक अपने जीवन में घटित घटनाओं को सामाजिक संदेशों से जोड़ने में सफल रहे हैं।
इस दौरान साहित्यकार व पुलिस अधिकारी अमित श्रीवास्तव ने कहा कि साहित्य समाज के लिए आवश्यक है। आज हम कहानी और साहित्य को लोकप्रिय बनाते हुए पाठक की नब्ज को पकड़ा जा सकता है। प्रबोध उनियाल ने कहानी संग्रह के शिल्प पर अपनी बात रखी।
पत्रकार रमेश भट्ट ने कहा कि किताब हमें बचपन की यात्रा में लेकर जाती है और यह प्रसंग सभी के साथ रोचक रूप में जुड़े हुए हैं। पाणी राखो आंदोलन के प्रणेता मशहूर पर्यवारणविद सच्चिदानंद भारती ने कहा कि जीवन के अनुभवों को कलमबंद करना बहुत जरूरी है। पुस्तक पीछे छूट गए प्रसंगों और अपने परिवेश की बानगी पेश करती है। प्रो.अधीर कुमार ने कहा कि बहुत मुखर हुए बगैर जीवन के सत्य का उद्घाटन करती यह कहानियां पाठक के दिल में गहरे उतर जाती हैं।
काव्यांश प्रकाशन के प्रबोध उनियाल ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में गंभीर सिंह पालनी,प्रो.अधीर कुमार,अरुण शर्मा,एडमिरल ओमकाश राणा,गणेश रावत,राकेश जुगरान,जयदीप रावत,राजेश सकलानी,हरेंद्र रावत,गजेंद्र रमोला,विजय गौड़,जगमोहन रौतेला,जितेंद शर्मा,अरविंद शेखर,राजू गुसाईं,कीर्ति नवानी,लक्ष्मी प्रसाद बडोनी,प्रेम साहिल,मनोज ध्यानी,एसपी नौटियाल,यशपाल रावत,यशपाल सिंह सहित अनेक साहित्य प्रेमी और गणमान्य लोग मौजूद रहे।