गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी के नए गीत “क्वी त् बात होली-सुरक खिड़कि खोली” के रंग में रंगे पहाड़

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ओम प्रकाश सेमवाल

आप मा खास भि छैं च अर कुछ न कुछ बात भि छैं च,तबै त ये वीडियो का पोस्टर लाँच होणा बाद आपौ हर प्रशंसक अफु तैं खास भि छौ चितौणू, समझुणू अर अफु मा क्वी न क्वी बात भि छौ अंताजुणू,अफु मा क्वी न क्वी बात होणै गलतफैमि भि छौ पळ्नू,भरम ह्वेग्यां छा यि सब, किलै कि हर क्वी अफु मा आपतैं ढूंढद अर हर कै तैं यन लगद कि आपौ गीत वै/वीं हि पर च लेख्यूं तबै हर प्रशंसक अफुतैं आप दगड़ि आत्मसात करि देंदो,या च आपा गीतै तागत, लोक तत्वों कि सक्या अर हमरि समृद्ध लोक बिरासतै पछ्याण। हमतैं गर्ब होंद कि हम भि वै हि जुग मा छन जल्म्यां जै मा आप अवतरित होयां।

आपा हर गीत मा नयो संकल्पना त रौंदै च त अबरि लोखों तैं “सुरक खिड़कि खोली” वळि बात भौत जमि तबै त गीत रिलीज होणा बाद ह्यूंदा जड्डा मा चम्म बूजीं खिड़कि सुरक खोली वींन भि चोरि करी भैर देखि त वैन भि झळकां भैर देखि कि कखि आज अचणचक वु/वा परगट त नि ह्वेगि। हर नया गीत मा आप नया-नया शब्द ल्हेक औणा रंदन-अबरि खुट्टि अळगै,मनचैंदो,सरमांदु कै देखी डोला की सी ब्योली, तिसाळि आँख्यों को भरम, बाळि ज्वानि की सरम आदि नया शब्द गढ़्यां छिन ये सुरीला रसिला भलि ढौळ,मयळिभौणा गीत मा। हर कै पिरेम गीतै चार ये मा भि सभ्यता संस्कृति अर संस्कारों कि सीमा मा रैक हि गीत बण्यूं च वीडियो च। अर यों मर्यादाओं कु पालण हर कै तैं कर्यूं भि चैंद।

पैलि द्वी अंतरों मा नायक तैं लगदै च कि सुरक खिड़कि खोली भैर देखण वळि सरमाण वाळि नायिका वैकि अपणी हि च पर नायिका तैं स्कूटी मा कै हौर दगड़ि सैंदिष्ट देखी नायक बिचलित त होंदै च कुछ देरौ घंघतोळ मा भि पड़्दै च पर फेर आत्म बिस्वास का दगड़ि स्वीणा मा यखुलि अयीं देखी वैको आत्म बल बढ़ि जांद,भरोंसो पक्को ह्वे जांद। यि पंगत-“ह्वे सकदू मेरि तिसाळि आंख्यों को भरम हो,भरम आंख्यों को ह्वे सकदू।ह्वे सकदू वीं कि बाळि ज्वानि की सरम हो, सरम ज्वानि की ह्वे सकदू” गजब कि छन।

विनोद चौहान का संगीत अर श्री सुभाष पाण्डेय, श्री सतेन्द्र सिंह कु रिदम ठिक वनि लगद जन सुरक खिड़कि खोलणा बाद जिकुड़ि धड़कदि धक धक –अर तब कुछ देर सांस सामान्य होणा बाद खुसि मा रंगमत ह्वेक नाचण बैठि जांद। नायक- नायिका दगड़ि सब कलाकारों कु अभिनय अर काम अच्छो च।  कविलास का निर्देशन मा सुधार होणू च अर भारि खुसि च कि अब कविलास दगड़ि अंजलि भि हुनर दिखौण बैठिगे मीनत कन बैठिगे।

भौत कम टैम मा वीडियो का व्यूज भौत शानदार अयां छन येको श्रेय जांद शानदार गीत दगड़ि पूरी टीमै मीनत तैं। नायकै चार प्रशंसक भि खुदयां रंदा नयो सुणनौ, तरसणा रंदा भलि भौण सुणनौ अर सरील भटस्यूं रंद बिना अच्छा कुछ सूण्यांकु । तबै नया ग्यूँ का सौदा पिस्यां आटा देखी प्रशंसकों तैं छपछपि भि पड़दि,सेळि भि!तबै तीस भि बुझदि अर भूख भि मिटदि!नैंत पिस्यां आटा तैं कै बार पिसै-पिसैक सुणदरों तैं भि बिकलाण औण स्वाभाविक हि च।लोखों तैं हर दिन नयो सृजन हि अच्छो लगद। नयो त नयो हि होंद।

आप नेगी जी तैं यन जरूर पूछि सकदा कि नै पारि मा लगातार द्वी पिरेम गीतों का बाद अब अगनै समसामयिक गीत भि होण चैंदा। अर या बात भि सच च कि हर गीत मा काफि गुंजैस रंदि, हर वीडियो हौर भि बेतर बणि सकद, संगीत मा भि हौर अच्छि संभावना रंदि तबै आपा सुझाव आमंत्रित छिन।

बिस्वास च कि नै पीढ़ी ये नया ‘सुरक खिड़कि खोली’ वळा प्रयोग तैं काफि पसंद करला, गीत जुबान पर चढ़ीक भबिस्य मा जरूर लोक गीत बणलो। एक बार नेगी जी सहित पूरि टीम तैं बधाई अर अगनै कि शुभकामना।

अब पूरो गीत(क्वी त् बात होली)–आपै सेवा मा।

सुदि त क्वी नि देखदु कै सणी सुरक खिड़कि खोली

यन त क्वी नि देखदु लुकछुपी सुरक खिड़कि खोली

कुछ त खास होलू मैं मा हाँ हाँ क्वी त् बात होली ——–

खुट्टि अळगै-अळगै भीड़ मा ख्वज्यांदी, ख्वज्यांदी कै सणी मैं पता च

कबि कै कूड़ा कौंरा फर कैकि छ्वीं लगांदी, लगांदी कै कि छ्वीं मैं पता च

पता च को च वीं को मन बसायूं मन चैंदो मायादार

सुदि त क्वी नि पुछदु कै को नौंऊं बिगर सोचि तोली ——–

बाटों मा जब मिल्द यखुली मुल-मुल हैंसदी, हैंसदी कै देखी मैं पता च

दगड़्यों दगड़ा जांदि अगड़ि- पिछड़ि हेरणि रांदी,हेर्दि कै सणी मैं पता च

पता च को च वीं को मन बसायूं मन चैंदो मायादार

सुदि को सरमांदु कै देखी डोला की सी ब्योली ——–

ह्वे सकदू मेरि तिसाळि आंख्यों को भरम हो, भरम आंख्यों को ह्वे सकदू

ह्वे सकदू वीं कि बाळि ज्वानि की सरम हो, सरम ज्वानि की ह्वे सकदू

ह्वे सकदू क्वी न क्वी त होलू वीं को मन चैंदो मायादार

सुदि त क्वी नि औंदु कै का स्वीणाम् अदाराति मा यखुली

कुछ त खास होलू मैं मा हाँ हाँ क्वी त बात होली…।

  • लेखक वरिष्ठ गढ़वाली साहित्यकार हैं,आप कई बड़े मंचों पर गढ़रत्न नरेंद्र नेगी जी के साथ कविताओं का पाठ कर चुके है। आप गढ़वाली भाषा के प्रखर वक्ता व कुशल मंच संचालक भी है।