भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने यूसीसी कमेटी द्वारा सीएम को ड्राफ्ट सौंपे जाने पर प्रसन्नता जताते हुए,प्रदेशवासियों की तरफ से समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जनता से किया अपना एक और वादा पूरा करने जा रही हैऔर हमे उम्मीद है कि सदन से यह कानून सर्वसमित्ति से पास हो और एक समान नागरिक कानून की देवभूमि से शुरुआत हो।
- सभी दलों को सकारात्मक चर्चा कर इसे सर्वसम्मति से पास करने की जरूरत
चुनावी लाभ के आरोप का जवाब देते हुए उन्होंने अपील कि कांग्रेस भी सदन में इसे पास करने में सहयोग कर इसका चुनावी लाभ ले सकती है। श्री भट्ट ने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता पार्टी की वैचारिक एवं सैद्धांतिक प्रतिबद्धता है। यही वजह है कि अपनी स्थापना से ही राजनैतिक नफा नुकसान को दरकिनार कर पार्टी लगातार इसको लागू करने को लेकर जनजागरण और अन्य प्रयास करती आई है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में विगत विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सरकार आने पर यूसीसी लागू करने का वादा किया था। जिसके बाद कैबिनेट की पहली बैठक में ड्राफ्ट कमेटी का गठन किया था। 43 से अधिक जनसंवाद कार्यक्रमो,72 समिति सदस्यों की अध्यन बैठकों,वेब पोर्टल समेत सभी माध्यमों से कुल 2.33 लाख से अधिक सुझावों के आधार पर आखिरकार प्रदेश को अपना सामान नागरिक कानून का ड्राफ्ट मिल गया है। मुख्यमंत्री धामी ने भरोसा दिलाया है कि आगामी सत्र में इसे पेश किया जाएगा। अब चंद दिनों का इंतजार है जब देवभूमि के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून होगा ।
उन्होंने सभी राजनैतिक दलों से अपील की है कि दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर उत्तराखंडवासियों की भावना को ध्यान रखकर बने इस कानून पर सकारात्मक चर्चा करें। क्योंकि हमारा मानना है कि भारतीय संस्कृति के अनुरूप समान नागरिक संहिता व्यवस्था की शुरुआत के लिए देवभूमि से बेहतर कोई अन्य राज्य नहीं हो सकता है। उन्होंने विपक्ष के कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि जो किसी कारणवश सुझाव नहीं दे पाए थे या जिनके लिए राजनीति से अधिक जनता की भावनाएं महत्व रखती हैं,वे अभी भी अपनी पार्टी के विधायकों पर सदन में अपने सकारात्मक सुझाव रखने का दबाव बना सकते हैं।
उन्होंने विपक्ष के तमाम आरोपों को दरकिनार कर कहा कि भाजपा जनता के लिए,जनता के मुद्दों पर राजनीति करती है,इसी लिए एक देश एक कानून के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आजादी के शुरुआती दिनों में तो कांग्रेस और अन्य पार्टी के नेताओं ने भी इस मुद्दे का समर्थन किया था,लेकिन एक वर्ग को खुश करने के लिए तुष्टिकरण नीति अपनाई लेकिन यूसीसी नहीं अपनाया।
चुनावी लाभ के लिए यूसीसी लाने के आरोपों पर पलटवार कर कहा,कांग्रेस के पास भी सुनहरा मौका है कि जब सदन में कानून आए तो उस पर सकारात्मक ढंग से चर्चा करें। साथ सर्वसमिति से उसे पास करने में अपनी सहभागिता देकर उसका चुनावी लाभ ले। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस नेताओं को सलाह दी कि आलाकमान का हुकुम बजाने के बजाय थोड़ा देवभूमि की भावनाओं के प्रति दायित्व का भी निर्वहन भी करें। ताकि सर्वसम्मति से यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बने।