कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश पंचतत्व में विलीन हो गईं। रानीबाग चित्रशिला घाट में उनके पुत्र बॉबी हृदयेश, सौरभ हृदयेश और सुमित हृदयेश ने चिता को मुखाग्नि दी।
इससे पहले इंदिरा हृदयेश के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थान पर रखा गया था। जहां मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सहित भाजपा व कांग्रेस के तमाम नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद नैनीताल रोड से अंतिम दर्शन के लिए नेता प्रतिपक्ष इंदिरा की शव यात्रा निकाली। शव यात्रा के दौरान लोगों ने उनको नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद रानीबाग चित्रशिला घाट में उनके पुत्र बॉबी हृदयेश, सौरभ हृदयेश और सुमित हृदयेश ने चिता को मुखाग्नि दी।
उत्तराखंड की नेता प्रतिपक्ष दिवंगत इंदिरा हृदेश को श्रद्धांजलि देने के लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत दिल्ली से सीधे हल्द्वानी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने इंदिरा हृदयेश के आवास पर उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने कहा कि इंदिरा जी का जाना प्रदेश की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। सरकार उनके कामों को आगे बढ़ाएगी।
श्री तीरथ रावत ने कहा कि इंदिरा हृदेश का उत्तराखंड में ही नहीं उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी अहम योगदान रहा है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि इंदिरा के विजन को आगे बढ़ाया जाएगा क्योंकि वह मुझे हमेशा छोटे भाई की तरह मानती थी और सरकार उनके नाम से जरूर कुछ करेगी, मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा जी के अधूरे कामों को सरकार आगे बढायेगी। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ सांसद अजय भट्ट और कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत, रेखा आर्य, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सहित सभी पार्टियों के नेता मौजूद रहे।
दिवंगत इंदिरा ह्रदयेश के पुत्र सुमित ह्रदयेश ने कहा कि उन्होंने अपनी माँ से राजनीति में बहुत कुछ सीखा, उन्होंने कभी भी किसी दल के व्यक्ति का विरोध नही किया। हमें उनकी कार्यशैली से सीख लेनी चाहिए साथ ही उन्होंने जिंदगी भर समाज के लिए कार्य किया,विकास के लिए काम किया। हम उनके सपनों को पूरा करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहेंगे। उनकी इच्छा थी कि वह मुख्यमंत्री के तौर पर उत्तराखंड का नेतृत्व करें, उनके अधूरे कामों को हम सब मिलकर आगे बढ़ाएंगे।