
मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में उत्तराखंड औद्योगिक निवेश एवं विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी)की कार्यकारी समिति (ExC)की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में उत्तराखंड नियोजन विभाग के अंतर्गत गठित यूआईआईडीबी द्वारा हरिद्वार गंगा कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत हरिद्वार शहर के संपूर्ण डेवलपमेंट और 2027में हरिद्वार कुंभ मेला की आवश्यकता से संबंधित विभिन्न प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण दिया गया।
प्रस्तुतीकरण में हरिद्वार शहर का सुगम मोबिलिटी प्लान,सौंदर्यीकरण,सैनिटेशन,सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट,तीर्थ यात्री फ्रेंडली एक्सेस डेवलपमेंट,ट्रांसपोर्ट,सुरक्षा,पब्लिक सुविधाओं का विकास,भीड़ प्रबंधन,कल्चरल हब डेवलपमेंट,पार्किंग,सती कुण्ड डेवलपमेंट,10जंक्शंस का ज्यामितीय इंप्रूवमेंट,मल्टी मॉडल टूरिज्म एक्टिविटी,सीसीटीवी कैमरा व पब्लिक ऐड्रेसिंग सिस्टम,तीर्थ यात्री फ्रेंडली सुविधाओं,चंडी देवी,मनसा,देवी,माया देवी व विलकेश्वर मंदिर से जुड़े डेवलपमेंट कार्यों पर आगामी 2027के कुंभ मेला के दृष्टिगत व्यापक विचार-विमर्श किया गया।
हरिद्वार के मुख्य लैंडमार्क(धार्मिक केंद्रों)का पेडेस्ट्रियन वे (पैदल मार्ग)सर्किट प्लान बनाएं
मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि मनसा देवी,चंडी देवी,माया देवी,दक्ष मंदिर,हर की पैड़ी,भारत माता मंदिर,दक्षिणेश्वर काली इत्यादि हरिद्वार के मुख्य धार्मिक केंद्रों का पेडेस्ट्रियन वे सर्किट प्लान बनाएं।
उन्होंने कहा कि तीर्थ यात्रियों का पैदल मार्ग ऐसा हो जिसमें उनको कहीं पर भी थोड़े समय के लिए भी रुकना ना पड़े (कोई भी अवरोध ना हो)तथा ऐसा पेडेस्ट्रियन मार्ग वन वे हो जिसमें सुरक्षा के भी सभी वैकल्पिक इंतजाम हो। उन्होंने मेलाधिकारी,स्थानीय प्रशासन,नगर निगम,संबंधित कंसल्टेंट एजेंसी और संबंधित स्टेकहोल्डर को आपसी समन्वय से 15 दिवस के भीतर इसका प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
हर की पैड़ी में आरती पॉइंट पर व्यवस्थित एंट्री-एग्जिट प्लान बनाने के निर्देश
मुख्य सचिव ने मेला अधिकारी,पुलिस विभाग,स्थानीय प्रशासन,और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि हरकी पैड़ी का आरती पॉइंट सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाला स्थान रहता है तथा यहां पर क्राउड मैनेजमेंट करना सबसे बड़ी चुनौती भी रहती है। इसको दृष्टिगत रखते हुए व्यवस्थित प्रवेश और निकासी का दुरुस्त प्लान बनाएं ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।
हरिद्वार में फॉरेस्ट से सटे क्षेत्रों में डेवलपमेंट हेतु राजाजी पार्क प्रशासन होगी कार्यदाई एजेंसी
मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि विभिन्न धार्मिक केंद्रों,पब्लिक सुविधाओं के विकास और अन्य डेवलपमेंट से संबंधित ऐसे कार्य जो राजाजी पार्क प्रशासन के क्षेत्र के निकट हैं अथवा आंशिक रूप से उनके क्षेत्र से संबंधित हों उन कार्यों के क्रियान्वयन के लिए राजाजी पार्क प्रशासन को कार्यदाई एजेंसी बनाया जाए ताकि डेवलपमेंट से जुड़े कार्य तेजी से पूरे हो सके।
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट,सैनिटेशन,पार्किंग,भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा प्रबंधन को रखें उच्च प्राथमिकता में
मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि जो कार्य अधिक महत्वपूर्ण प्रकृति के हैं और शीघ्रता से पूरे किए जाने हैं उनको उच्च प्राथमिकता में रखें। उन्होंने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सैनिटेशन,पार्किंग,भीड़ प्रबंधन,सुरक्षा के आपातकालीन उपाय इत्यादि कार्यों को उच्च प्राथमिकता में रखने के निर्देश दिए।
जहां जरूरी हो तो संबंधित स्थानीय निकाय,ट्रस्ट,गंगा सभा,स्थानीय प्रतिनिधि आदि हितधारकों को विश्वास में लेकर कार्य संपादित करें
मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि विभिन्न कार्यों को संपादित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि जहां पर स्थानीय लोकल बॉडी,प्रतिनिधि अथवा स्थानीय ट्रस्ट आदि का इन्वॉल्वमेंट जरूरी हो वहां पर उनके समन्वय से कार्य करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों और स्टेकहोल्डर को हरिद्वार के डेवलपमेंट के संबंध में संयुक्त रूप से संपूर्ण शहर का विजिट करने के निर्देश दिए और डेवलपमेंट प्लान में जहां पर कुछ और प्रावधान किए जाने की आवश्यकता हो तो उनको भी प्लान में शामिल करने हेतु प्रस्ताव बनाने को कहा।
इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव एल एल फैनई व आर मीनाक्षी सुंदरम,सचिव नितेश कुमार झा,दिलीप जावलकर व डॉ पंकज कुमार पांडेय,विशेष सचिव अजय मिश्रा, कुंभ मेला अधिकारी हरिद्वार श्रीमती सोनिका सहित संबंधित अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।