Parliament Monsoon Session:-सशक्त उपभोक्ता,सशक्त भारत की दिशा में एक नया कदम-त्रिवेंद्र सिंह रावत

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हरिद्वार लोकसभा से सांसद एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा संसद के मानसून सत्र में उपभोक्ता मामले,खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय से जन पोषण केंद्र पायलट परियोजना की प्रगति,प्रभाव और विस्तार पर प्रश्न पूछा गया।

  • जनता को गुणवत्तापूर्ण पोषण व सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना ही मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है-त्रिवेन्द्र।

इस प्रश्न के अपने लिखित उत्तर में मंत्रालय की राज्य मंत्री निमुबेन जयंतीभाई बांभणिया ने जानकारी दी कि भारत सरकार द्वारा उचित मूल्य की दुकानों (FPS)को जन पोषण केंद्र (JPK)में परिवर्तित करने के लिए एक प्रायोगिक पायलट कार्यक्रम शुरू किया गया है,जिसका उद्देश्य एफपीएस डीलरों की आय बढ़ाने के साथ-साथ लाभार्थियों के पोषण स्तर में सुधार करना है। उन्होंने बताया कि इस पायलट परियोजना के तहत 90 उचित मूल्य की दुकानों को जन पोषण केंद्र में बदला गया है,जिसमें 5 प्रमुख शहरों-हैदराबाद,गाजियाबाद,जयपुर,अहमदाबाद (15-15 FPS प्रत्येक)और इंदौर (30 FPS)को शामिल किया गया है।

इस योजना के माध्यम से एफपीएस डीलरों के कौशल विकास पर भी ध्यान दिया गया है। साथ ही डिजिटल और वित्तीय साक्षरता,उद्यमशीलता और बाजार उन्मुख कौशल के लिए (NIESBUD)और कौशल विकास मंत्रालय के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इसके अलावा यह योजना न केवल सार्वजनिक वितरण प्रणाली को आधुनिक बनाएगी,बल्कि ग्रामीण और शहरी उपभोक्ताओं के लिए पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करेगी। मंत्री महोदया ने यह भी स्पष्ट किया कि यह एक प्रायोगिक पहल है और इसमें राज्यों को स्वेच्छा से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। राजस्थान के पाली संसदीय क्षेत्र सहित अन्य राज्यों जिसमें उत्तराखंड भी शामिल है ,के विस्तार की संभावनाएं प्रबल हैं।

सांसद त्रिवेन्द्र रावत ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि उचित मूल्य की दुकानों को जन पोषण केंद्रों में रूपांतरित करना,केंद्र सरकार की जन-कल्याणकारी सोच का सशक्त उदाहरण है। इससे एफपीएस डीलरों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और जनता को गुणवत्तापूर्ण पोषण व सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। यह पहल ‘सशक्त उपभोक्ता-सक्षम राष्ट्र’के लक्ष्य की ओर एक ठोस कदम है,जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’के विजन को साकार करने में सहायक सिद्ध होगी।

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