गैरसैंण बनाई गई उत्तराखंड की तीसरी कमिश्नरी,सीएम त्रिवेंद्र रावत ने 2021-22 के लिए पेश किया 57 हज़ार करोड़ का बजट

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 2021-22 के लिए गैरसैंण  में 57 हज़ार करोड़ का बजट पेश किया। इसी के साथ मुख्यमंत्री ने गैरसैंण में तीन महत्वपूर्ण घोषणाएं की है। जिनमें गैरसैंण को राज्य का तीसरा मंडल (कमिश्नरी) बनाया गया है। चमोली, रुद्रप्रयाग,अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को इसमें शामिल किया गया।

इसी के साथ भराड़ीसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए एक माह में टाउन प्लानर की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगा। नई बनाई गई नगर पंचायतों की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री ने की 1–1 करोड़ धन राशि की घोषणा की है। बजट भाषण शुरू करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों को सुरक्षा दिवस की बधाई देते हुए कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी में पहला बजट पढ़ रहा हूँ। मैं सबसे पहले अमर शहीदों,आंदोलकारियों को नमन करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कोरोनाकाल में कई क्षेत्रों में छूट दी। उत्तराखंड में रेल नेटवर्क,आल वेदर रोड़ के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया है। 7 फरवरी को रैणी और तपोवन क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने के बाद आई प्राकृतिक आपदा पर हमने त्वरित कार्रवायी की और आपादा के प्रभाव को सीमित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कृषि एवं कृषि से सम्बन्धित सहायक गतिविधियों से जुड़े हुए समस्त पहलुओं को समग्रता से समझने का एक प्रयास किया है। हम कृषकों की आय को दुगुना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जिसके लिए हम आवश्यक नीतिगत व पूंजीगत प्रावधानों के लिए सदैव तत्पर रहे हैं।  विगत 4 वर्षों में हमारी सरकार ने कृषि, औद्योगिक,दुग्ध विकास, सहकारिता,पशु पालन, मत्स्य, जलागम,सिंचाई, वन एवं पर्यावरण,खाद्य तथा ग्राम्य विकास आदि विभागों के तत्वावधान में आवश्यक नीतियां यथा मुख्य मंत्री राज्य कृषि विकास योजना, जैविक कृषि एक्ट, नर्सरी एक्ट एवं एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना निरूपित की है।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि हमारी सरकार ने कृषक भाईयों-बहनों की सहायता के लिए प्रदेश के 8.82 लाख कृषकों को निःशुल्क मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराए गए हैं। मृदा परीक्षण की संस्तुतियों को अपनाने से वर्ष 2017-18 से वर्तमान तक 1.17 लाख मैट्रिक टन उर्वरकों की कम खपत हुई। जिससे 202 करोड़ रूपये अनुदान की बचत हुई। उत्पादकता वृद्धि के साथ-साथ भूमि की उर्वरकता में भी सुधार देखा जा रहा है। जैविक कृषि के महत्व को समझते हुए इसके प्रोत्साहन हेतु प्रदेश में जैविक कृषि अधिनियम 2019 लागू किया गया है। गत तीन वर्षों में जैविक कृषि के क्षेत्रफल में निरन्तर वृद्धि हुई है। वर्तमान में जैविक कृषि के अन्तर्गत 2 लाख 13 हजार हैक्टेयर भूमि आच्छादित है, जो कुल कृषि क्षेत्रफल का 33 प्रतिशत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम परम्परागत कृषि के विकास के लिए भी सतत् प्रयत्नशील हैं। इस क्रम में परम्परागत कृषि विकास योजना द्वितीय चरण(वर्ष 2018-19 से 2020-21) में 3 हजार 900 क्लस्टरों के 78 हजार हैक्टेयर भूमि में संचालित की जा रही है वर्तमान में योजना में 1 लाख 20 हजार मैट्रिक टन खाद्यान्न एवं 1 लाख 30 हजार मैट्रिक टन फल एवं सब्जियों का उत्पादन हुआ है। इस आय-व्ययक में योजनान्तर्गत 87 करोड़ 56 लाख रूपये की धनराशि का प्रावधान किया जा रहा है।