
हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा लोकसभा में पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा एवं विद्युत राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाईक ने उत्तराखंड में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में किए जा रहे महत्वपूर्ण प्रयासों की विस्तृत जानकारी साझा की।
उन्होंने बताया कि राज्य में तीन महत्वपूर्ण हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं,जिसमें विष्णुगढ़ पीपलकोटी–444 मेगावाट,तपोवन विष्णुगढ़–520 मेगावाट और लखवार बहुउद्देश्यीय परियोजना–300 मेगावाट
पीएम सूर्य घर:मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत 7,196 सोलर रूफटॉप सिस्टम अब तक हरिद्वार जिले में स्थापित किए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दिनांक 31.10.2025 तक उत्तराखंड को 3,685 सोलर पंप आवंटित,जिनमें से 1,636 सोलर पंप स्थापित किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने लगभग 250 मेगावाट के लक्ष्य के साथ एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है जिसके अंतर्गत 20kW,25kW,50kW,100kW और200kW क्षमताओं वाले सोलर प्लांट व्यक्तियों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्तर के बड़े निर्णय, जिनका लाभ उत्तराखंड को भी मिलेगा, जिसमें सौर–पवन परियोजनाओं के लिए टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली मानक,2030 तक के लिए अक्षय उपभोग बाध्यता (RCO),सौर-पवन परियोजनाओं पर 2032 तक ISTS चार्ज माफी,सौर उत्पादों पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश, ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस नियम,ग्रीन टर्म अहेड मार्केट(GTAM)और राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन शामिल हैं
श्री रावत ने कहा कि उत्तराखंड की जल,सौर और पर्वतीय परिस्थितियाँ प्रदेश को नवीकरणीय ऊर्जा का ‘नेचुरल कैपिटल’ बनाती हैं। केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि राज्य तेजी से ग्रीन एनर्जी हब की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
सांसद श्री रावत ने कहा कि उत्तराखंड को सौर और जलविद्युत उत्पादन का अग्रणी राज्य बनाने के लिए केंद्र सरकार का संकल्प स्पष्ट है। हरिद्वार में 7,196 सोलर रूफटॉप सिस्टम, कुसुम योजना के अंतर्गत हजारों किसान लाभान्वित,और राज्यभर में नई ग्रीन एनर्जी परियोजनाएँ इस बात का प्रमाण हैं कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड ‘स्वच्छ ऊर्जा के पावरहाउस’ के रूप में उभरेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उत्तराखंड के लिए दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा का मजबूत रोडमैप तैयार किया है।
















