मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधु ने सचिवालय में प्रदेश में जड़ी-बूटी के विकास के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में जड़ी-बूटी और इस क्षेत्र में रोजगार की सम्भावनाओं को देखते हुए,जड़ी-बूटी उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि वन पंचायतों के लिए शीघ्र ही योजना तैयार की जाए। जड़ी-बूटी की दिशा में जो वन पंचायतें पहले से कार्य कर रही हैं,उन्हें इस योजना में अवश्य शामिल किया जाए। उन्होंने योजना के लिए नियम व शर्तों को सरल बनाए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि किसी भी योजना को सफल बनाने के लिए उसके नियमों को सरल रखा जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हर्बल टूरिज्म पार्क योजना भी शीघ्र शुरू की जाए। योजनाओं को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा सकता है। जो वन पंचायतें अच्छा कार्य करेंगी, उनको अधिक क्षेत्रफल में कार्य दिया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने वन विभाग को लीसा के सम्बन्ध में प्रदेश की नियमावली को भी अपडेट किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि लीसा (रेजिन) के उत्पादन में पुराने जमाने की तकनीक प्रयोग की जा रही है।
इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक एवं सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी सहित जड़ी-बूटी शोध संस्थान के अधिकारी भी उपस्थित थे।