सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द,प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा ‘विद्यार्थियों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा हमारी सर्वप्रथम प्राथमिकता’

0
1044

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद केंद्र सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 12वीं बोर्ड परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लंबी बैठक परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘यह समय बहुत संकटों का है,ऐसे में हमारे लिए विद्यार्थियों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा सर्वप्रथम प्राथमिकता है, जिससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। परीक्षा को लेकर  स्टूडेंट्स, पैरेंट्स और टीचर्स में जो तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, उसे खत्म करना चाहिए। सभी भागीदारों के इस मामले में संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।’

प्रधानमंत्री ने कहां कि ‘कोरोना संक्रमण के हालात अस्थिर हैं। देश के कुछ राज्यों में जहां माइक्रो-कंटेनमेंट जोन बनाकर संक्रमण का दर कम हो रहा है, वहीं कुछ जगहों पर अब भी लॉकडाउन लगा है। ऐसी परिस्थिति में पैरेंट्स,टीचर्स और स्टूडेंट्स खुद भी स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। ऐसे तनावपूर्ण माहौल में स्टूडेंट्स पर बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का दबाव नहीं डालना चाहिए।‘ इस लिए हमने 12वीं बोर्ड परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया है।  

आपको बता दें इस बार सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा 2021 के लिए लगभग 14.5 लाख छात्र पंजीकृत हैं। सीबीएसई और शिक्षा मंत्रालय की ओर से आज ही सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षाओं की डेट घोष‍ित की जानी थी, लेकिन शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें एम्स में भर्ती किया गया है। जिसके बाद परीक्षाओं को लेकर असमंजस बढ़ गया था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद बैठक के बाद परीक्षाओं पर फैसला किया और ट्वीट के जरिये सारी शंकाओं का समाधान कर दिया कि 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई है। 


सीबीएसई के 12वीं बोर्ड परीक्षा को रद्द होने के बाद अब अहम सवाल यह है कि स्टूडेंट्स को मार्क्स किस आधार पर मिलेंगे और रिजल्ट कैसे बनेगा? इस बारे में केंद्र व सीबीएसई ने कहा है कि समय के अनुसार उचित क्राइटीरिया के तहत मार्किंग की जाएगी और रिजल्ट तैयार होगा। वहीं स्टूडेंट्स को पिछली बार की तरह परीक्षा देने का विकल्प भी दिया जाएगा। जो स्टूडेंट्स अपने मार्क्स से संतुष्ट नहीं होंगे वे बाद में एग्जाम देने का विकल्प चुन सकेंगे।