मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने किया राज्य में 60 मोबाइल पशु चिकित्सालय इकाइयों का लोकार्पण

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सर्वे स्टेडियम,हाथीबड़कला देहरादून में पशु पालन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग कर राज्य में 60 मोबाइल पशु चिकित्सालय इकाइयों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने गोट वैली योजना का शुभारंभ किया एवं नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेन्ट फण्ड (आई.आर.डी.एफ) योजना के अन्तर्गत पशुलोक ऋषिकेश में हीफर रियरिंग फार्म का लोकार्पण भी किया।

  • राज्य में किया गया गोट वैली योजना का शुभारंभ।
  • पशु चिकित्सकों को एन.पी.ए दिया जायेगा-मुख्यमंत्री।
  • राज्य में पशुओं में आर्टिफिशियल इंस्यूमिनेशन सेक्स शार्टेड सीमन को बढ़ावा दिया जायेगा।

रजिस्ट्रार,उत्तराखण्ड पशु चिकित्सा परिषद, देहरादून के परिसर में नवीन प्रशिक्षण केन्द्र का लोकार्पण एवं राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम योजना के अन्तर्गत एकत्रीकरण सह प्रजनन फार्म का लोकार्पण तथा राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा प्रायोजित नवीन अतिहिमीकृत वीर्य प्रयोगशाला का शिलान्यास भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि पशु चिकित्सकों को एन.पी.ए दिया जायेगा। राज्य में पशुओं में आर्टिफिशियल इंस्यूमिनेशन सेक्स शार्टेड सीमन को बढ़ावा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मोबाइल वेटनरी यूनिटों के शुभारंभ से राज्य के दूरस्थ पर्वतीय स्थानों पर आपातकालीन पशुचिकित्सा सेवायें एवं पशुपालन सम्बन्धी अन्य विभागीय सेवायें आसानी से प्रदान की जा सकेंगी। इस सेवा के लिए टोल फ्री नम्बर 1962 जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि आज भारत सरकार की राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अन्तर्गत श्यामपुर में नवीन प्रयोगशाला का शिलान्यास भी किया जा रहा है। जिससे पशुधन विकास में हमारे प्रदेश को लाभ मिल सकेगा। इस योजना के अन्तर्गत नेशनल डिजिटल लाइवस्टॉक मिशन को चम्पावत एवं ऊधमसिंहनगर जिलों में भी प्रारंभ किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य को हर क्षेत्र में केन्द्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा पशुपालन एवं कृषि उत्तराखण्ड के लाखों परिवारों की आर्थिकी की रीढ़ है। 80 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवारों को रोजगार प्रदान करने वाला पशुपालन व्यवसाय न केवल उनकी आजीविका का मुख्य साधन है,बल्कि प्रदेश के संतुलित पोषण का भी मुख्य आधार है। पशुपालन व्यवसाय का राज्य सकल घरेलू उत्पादन में 3 प्रतिशत योगदान है। सभी छोटे पशुपालकों व दुग्ध व्यवसायियों के सम्मिलित प्रयासों के फलस्वरूप आज हमारा देश डेरी पदार्थों के उत्पादन में शीर्ष पर है। उन्होंने कहा पशुपालन व्यवसाय में निवेश ग्रामीण क्षेत्रों के विकास का भी मुख्य साधन हो सकता है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में पहली बार डेरी पशुओं का सबसे बड़ा डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत प्रत्येक डेयरी पशु को एक विशिष्ट टैग लगाया जा रहा है। भारत की डिजिटल क्रांति डेरी क्षेत्र में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है। डेरी व्यवसाय क्षेत्र के लिए विकसित किया गया डिजिटल पेमेंट सिस्टम भी बदलते भारत का उदाहरण है।

उन्होंने कहा प्रधानमंत्री जी ने महिलाओं को डेयरी क्षेत्र की वास्तविक नायिकाएं बताया है, क्योंकि आज भी पशुओं की देखभाल अधिकतर मातृ शक्ति ही करती है। उन्होंने कहा गांवों में मातृ शक्ति को सबसे अधिक समस्या चूल्हे में खाना बनाने से होती थी, पर केंद्र सरकार ने जो गोवर्धन योजना प्रारंभ की है उससे गावों में गोबर गैस प्लांट लगाकर इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना का मुख्य आधार भी पशुधन ही है।
मुख्यमंत्री ने कहा केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों को प्रभावी तरीके से लागू करके राज्य सरकार ने राज्य में लम्पी स्किन डिजीज को पूरी तरह से नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की है। इस रोग के नियंत्रण के लिए प्रदेश में लगभग 6 लाख से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा जैविक कृषि के मुख्य आधार भी पशुधन ही है। इसके लिए पशुओं के गोबर को जैविक फार्म्स तक पहुंचाने के लिए भी सरकार विशेष प्रयास कर रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे नवीन प्रयासों से न केवल हमारे राज्य में युवाओं को स्वरोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे,बल्कि ग्रामीण आर्थिकी भी मजबूत होगी और रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को नई गति मिलेगी।
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। जनपद बागेश्वर से गोट वैली की शुरुआत की गई है। राज्य सरकार का प्रयास है कि गाय के दूध के साथ ही बकरी के दूध को भी तेजी से बढ़ावा दिया जाय। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी ने सभी विभागों को 2025 तक महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करने का लक्ष्य दिया गया है। पशुपालन के क्षेत्र में  इस दिशा में तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। पशुपालन के माध्यम से उत्तराखंड की मातृ शक्ति को सशक्त बनाने एवं रिवर्स माइग्रेशन के प्रयास किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि पशुपालन और कृष्ण दोनों विभाग आपस में जुड़े हुए विभाग हैं। जहां एक और कृषि घास,चारा,फसलों और चारा वृक्ष के रूप में पशुधन के लिए भोजन उपलब्ध कराती है। वहीं दूसरी और पशुओं से प्राप्त गोबर खाद से कृषि के लिए पोषक तत्व मिलते हैं।

मंत्री जोशी ने कहा कि आज प्रदेश में 40% जैविक खेती हो रही है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राकृतिक खेती पर विशेष फोकस कर रहे हैं वहीं उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लगातार उत्तराखंड को अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

मंत्री जोशी ने कहा कि पलायन को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कृषि और पशुपालन विभाग शीघ्र ही  एक साथ मिलकर एक योजना बनाई जाएगी । दोनों विभाग के आपसी समन्वय के साथ कार्य कर पलायन को रोकने में मददगार साबित होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों की भी आजीविका बढ़ेगी।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री पशुपालन एवं डेयरी विकास डॉ. संजीव कुमार बालियान, सौरभ बहुगुणा, मेयर सुनील उनियाल गामा,विधायक उमेश शर्मा काऊ,गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेन्द्र अन्थवाल,सचिव पशुपालन भारत सरकार राजेश कुमार,सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम्,बी.वी.आर.सी.पुरूषोत्तम,निदेशक पशुपालन डॉ.प्रेम कुमार एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।