उत्तराखंड-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंत्रियों को आवंटित किए विभाग

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उत्तराखंड में शपथ लेने के एक सप्ताह बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंत्रिमंडल के सदस्यों के विभागों का आवंटन कर दिया है। नई सरकार में पिछली सरकार के पांच में से चार मंत्रियों को उनके अधिकतर पुराने विभाग सौंपे गए हैं। जबकि मंत्री सुबोध उनियाल के सभी विभागों को बदल दिया गया हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने पास गृह,आबकारी,औद्योगिक विकास,खनन समेत 23 विभाग  रखे हैं। नई सरकरा के मंत्रिमंडल में शामिल तीन नए चेहरों को उनके राजनीतिक अनुभव के हिसाब से विभागों की जिम्मेदारी दी गई है।

सतपाल महाराज को 10 विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें एक बार फिर से पर्यटन, धर्मस्व, संस्कृति,सिंचाई व लघु सिंचाई,लोक निर्माण जैसे पुराने विभाग बरकरार रखे गए हैं। उन्हें इस बार पंचायती राज,ग्रामीण निर्माण भी दिया गया है।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल को 6 विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। जिनमें वित्त,शहरी विकास,आवास,विधायी एवं संसदीय कार्य प्रमुख है। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को 9 विभाग दिए गए है। उन्हें एक बार फिर से सैनिक कल्याण विभाग दिया गया है। साथ ही कृषि एवं कृषि शिक्षा व ग्राम्य विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।

श्रीनगर विधानसभा के जीतकर विधानसभा पहुंचे डा.धन सिंह रावत को 6 विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। जिसमें विद्यालयी शिक्षा (प्राथमिक व माध्यमिक),संस्कृत शिक्षा,सहकारिता,उच्च शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा शामिल है। सुबोध उनियाल को 4 विभाग दिए गए हैं। उनके पूराने सभी विभाग इस बार बदल दिए गए है। पिछली सरकार में कृषि मंत्री रहे सुबोध उनियाल को इस बार वन,भाषा,निर्वाचन एवं तकनीकी शिक्षा विभाग दिए गए हैं। रेखा आर्य को इस बार 4 विभागों की जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें इस बार भी महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति,खेल एवं युवा कल्याण जैसे नए विभाग सौंपे गए हैं।

सरकार में पहली बार मंत्री बने चंदन राम दास को 6 और युवा चेहरे  सौरभ बहुगुणा को भी 6 विभाग दिए गए हैं। चंदन राम दास को समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, परिवहन, लघु एवं सूक्ष्म, मध्यम उद्यम और युवा चेहरे सौरभ बहुगुणा को गन्ना व चीनी विकास के साथ पशुपालन, दुग्ध विकास एवं मत्स्य पालन और प्रोटोकाल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब देखना यह होगा की सरकार के यह मंत्री उन्हें सौंपी गई जिम्मादियों के बल पर राज्य हित में कितने कार्य करते है।