कोरोना संक्रमण ने आज पूरी दुनिया को इस कदर अपनी चपेट में लिया है कि इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी भूख-प्यास से परेशान है। कोरोना कर्फ्यू के चलते आम लोग घरों से बाहर ना के बराबर निकल पा रहे हैं। ऐसे में इन आवारा पशुओं को भी खाना मिलना बंद हो गया है। सड़क-पार्क पर भूखे पेट घूम रहे इन आवारा भूखे-बेजुबान जानवरों का पेट भरने का जिम्मा उठाया हैं,जय हो ग्रुप ने,जो सड़कों पर जा-जाकर इन भूखे-प्यासे जानवरों को खाना खिला रहे है।
सामाजिक चेतना की बुलंद आवाज जय हो ग्रुप कई दिनों से इन भूखे-प्यासे आवारा बेजुबान जानवरों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहा है। आपको बता दें कि कोविड कर्फ्यू एवं यमुना घाटी के व्यापारियों द्वारा अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद किए जाने के बाद इन आवारा पशु के सामने भूख-प्यास का संकट खड़ा हो गया था। जिसको लेकर नगर के सामाजिक चेतना की बुलंद आवाज “जय हो” ग्रुप ने महिला समूह जागृति के साथ मिलकर रोटियां बना कर इन भूखे-प्यासे जानवरों को खिलाने की पहल शुरू की है।
इसी के साथ नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती अनुपमा रावत द्वारा इन मवेशियों के लिए चारा-पानी की व्यवस्था के साथ-साथ और रोटी बनाने के लिए आटा और गैस सिलेंडर का सहयोग भी किया गया। इसी के साथ सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप जैन द्वारा एक कट्टा आटा, अजय रावत द्वारा 20 किलो आटा, सिंचाई विभाग सहायक अभियंता पी.एस रावत द्वारा एक कट्टा आटा, ओंकार बहुगुणा द्वारा 30 किलो आटा प्रदान किया गया। जिससे इन बेजुबानों के लिए रोटी बनाकर खिलायी जा रही है।
आपको बता दें कि जय हो ग्रुप द्वारा इससे पहले भी कोरोना लॉकडाउन के द्वारा यमुना घाटी में भूखे-बेजुबान जानवरों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। इसी के साथ जय हो ग्रुप तमाम समाजिक कार्यों में भागीदारी कर समाज हित में कार्य करता रहता है। इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अनुपमा रावत, महिला जागृति समूह से नीलम,अनीता, मंजू, भावना, सविता जय हो ग्रुप से विनोद नौटियाल,प्रदीप जैन, भगवती रतूड़ी,मोहित अग्रवाल,रजत अधिकारी, जय हो ग्रुप के संयोजक सुनील थपलियाल,महिताब धनाई,अजय रावत, मस्तराम आदि मौजूद थे।