हरिद्वार के ऋषिकुल कालेज मैदान में श्री भोले जी महाराज-माता मंगला जी के सत्संग समारोह में उमड़ा भक्तों का सैलाब,हर वर्ष हरिद्वार में मनायी जायेगी श्री हंस जी महाराज की पावन जयंती

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प्रख्यात आध्यात्मिक गुरु,समाज सेवी तथा द हंस फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत श्री भोले जी महाराज और माताश्री‌ मंगला जी के सानिध्य में ऋषिकुल कालेज के मैदान आयोजित दो दिवसीय जनकल्याण सत्संग समारोह भारी सफलता के साथ सम्पन्न हो गया। समारोह में देश के विभिन्न राज्यों के अलावा कनाडा,अमेरिका और नेपाल आदि देशों से श्रद्धालु-भक्तों का सैलाब उमड़ा।

समारोह में भारी संख्या में उपस्थित भक्तों से अभिभूत होकर आध्यात्मिक विभूति माता श्री मंगला जी ने घोषणा करते हुए कहा कि अब योगीराज श्री हंस जी महाराज की पावन जयंती हर साल हरिद्वार में ही मनायी जायेगी। उनकी इस घोषणा का सभी प्रेमी भक्तों ने करतल ध्वनि से जोरदार स्वागत किया।

इस मौके पर परमपूज्य श्री भोले जी महाराज और माता श्री मंगला जी ने कहा कि श्री हंस जी महाराज और माता श्री राजेश्वरी देवी के आशीर्वाद से हम  देवभूमि उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश में सत्संग, ज्ञान प्रचार और मानव सेवा के कार्य कर रहे हैं लेकिन धर्मनगरी हरिद्वार में हमारा यह  पहला सत्संग समारोह है। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से यहां के श्रद्धालु-भक्त सत्संग का प्रोग्राम मांग रहे थे।

माताश्री मंगला जी ने कहा कि हरिद्वार में यह सत्संग का कार्यक्रम हमने इसलिए रखा कि यह भगवान विष्णु और भगवान शिव का द्वार होने के सा-साथ श्री भोले जी महाराज की जन्मस्थली और योगीराज श्री हंस जी महाराज की कर्मस्थली रही है। हरिद्वार से ही श्री हंस जी महाराज ने अध्यात्म ज्ञान का प्रचार शुरू किया था। उन्होंने कहा कि हरिद्वार भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोगों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। यहां निर्मल पतित पावनी गंगा में स्नान करके लोग  अपने आपको धन्य करते हैं।

माता श्री मंगला जी योगीराज श्री हंस जी महाराज की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि श्री हंस जी महाराज का सारा जीवन सत्संग,ज्ञान प्रचार और मानव सेवा को समर्पित था। उनके आशीर्वाद से आज द हंस फाउंडेशन द्वारा श्री हंस जी महाराज एवं माता श्री राजेश्वरी के नाम पर देश भर में अनेक समाज सेवा और जनकल्याण के कार्य किते जा रहे हैं।

माता श्री मंगला जी ने युवाओं को नशे से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि नशे से स्वास्थ्य तो खराब होता ही है,इसके साथ ही धन की बरबादी होती है और घर-परिवार में झगडे-फसाद होते हैं। उन्होंने युवाओं को नैतिक,चारित्रिक और आध्यात्मिक रूप से शिक्षित और जागरूक करने पर बल दिया। माता श्री मंगला जी ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का उदघोष करते हुए कहा कि हमें बेटी और बेटे में भेदभाव नहीं करना चाहिए।

इस मौके पर परमपूज्य श्री भोले जी महाराज कहा कि सत्संग हमारे मन के विकारों को दूर कर आत्मिक शांति और आनंद प्रदान करता है। उन्होंने  कहा कि सत्संग और संतों का सानिध्य पाकर दुष्ट प्रवृत्ति के लोग भी सुधर जाते हैं। सत्संग समाज में रचनात्मक बदलाव लाने का काम करता है। श्री भोले जी महाराज ने श्री हंस जी महाराज की महिमा से जुड़ा भजन-प्रभु हंस की दया से सब काम हो रहा है– प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम में मथुरा से पधारे श्री बृज भजन मंडली के गायक श्री कालीचरण एवं अन्य कलाकारों ने-भूला हुआ मुसाफिर मंजिल को पा रहा है,श्री हंस नाम प्यारा दिल में समा रहा है तथा भोले जी मंगला माता की जोड़ी कितनी प्यारी है आदि भजन प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय बना दिया।

कार्यक्रम में विशेष तौर पर पहुंचे लेह-लदाख से पधारे कलाकारों ने श्री भोले जी महाराज और माता श्री मंगला जी के सम्मान में लोकगीत एवं लोकनृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। इस मौके पर देश के विभिन्न तीर्थों से पधारे संत-महात्माओं ने भी श्री हंस जी महाराज के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।

समारोह में विशाल भंडारा और‌ निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन भी किया गया। चिकित्सा शिविर से सैकड़ों लोगों ने स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया।

हरिद्वार में 12 नवंबर को हुआ था श्री‌भोले जी महाराज और माता श्री मंगला जी के सानिध्य में जनकल्याण सत्संग का शुभारंभ

आपको बता दें कि द हंस फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत एवं आध्यात्मिक गुरु श्री भोले जी महाराज के सानिध्य में हंस ज्योति द्वारा ऋषिकुल कालेज के मैदान में वैदिक परम्परा के अनुसार जनकल्याण सत्संग समारोह का शुभारम्भ किया गया‌। हंस ज्योति,ए यूनिट आप हंस कल्चरल सेंटर द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के अलावा अमेरिका,कनाडा तथा नेपाल आदि देशों से भारी संख्या में श्रद्धालु-भवत शामिल हुए। पतित पावनी मां गंगा में स्नान करने के बाद श्रद्धालु-भक्तों ने सत्संग,ज्ञान और भक्ति की गंगा में गोता लगाया।

श्री भोले जी महाराज एवं माता श्री मंगला जी के सम्मान में ऋषिकुल संस्कृत विद्यापीठ के छात्रों ने मंगलाना किया तथा आसाम से आते कलाकारों ने असम का प्रसिद्ध बिहु नृत्य सांस्कृतिक कार्यकम प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। मुम्बई से पधारे प्रसिद्ध भजन गायक श्री सुरेश वाडेकर ने,श्री गणेश वंदना से–ओम गणपतये नमो नमः, सिद्धि विनायक नमो नमः से अपने भजनों की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने श्री हंस जीकी महिमा से जुड़ा भजन,श्री हंस जी महाराज के नाम का तुम ले लो सहारा,तथा भगवान शिव की आरती,लेके पूजा की थाली,जोत मन की जगाली,तेरी आरती उतारूं भोलेनाथ,शिव-शिव रट ले बन्दे जीवन है ये है थोड़ा,राम तेरी गंगा मैली हो गई तथा अब इस दिल में क्या रखा है, माता जी का नाम, भोले जी का नाम छिपा रखा है तथा इतनी शक्ति हमें देना दाता,मन का विश्वास कमजोर हो ना आदि भजनों की प्रस्तुति श्रद्धालुओं को भक्ति और आनंद के रस से सराबोर कर दिया।

आध्यात्मिक विभूति माता श्री मंगला जी ने योगीराज श्री हंस जी महाराज को श्रद्धा पूर्वक नमन करते हुए कहा कि आज उनकी पावन जयंती के उपलक्ष्य में तीर्थनगरी हरिद्वार में जनकल्याण सत्संग समारोह का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वैसे तो दुनिया में प्रतिदिन हजारों लोग जन्म लेते हैं,लेकिन जयंतियां केवल उन्हीं महापुरूषों की मनाई जाती हैं जिन्होंने स्वयं भी अध्यात्म ज्ञान की अनुभूति की और उस ज्ञान के प्रकाश से दूसरे लोगों के जीवन को भी प्रकाशित किया। उन्होंने कहा कि श्री हंस जी महाराज अपने समय के ऐसे ही महापुरुष थे जिन्होंने सत्संग और अध्यात्म ज्ञान के माध्यम से देश-विदेश में फैले करोड़ों लोगों के हृदय में राष्ट्रप्रेम, मानवीय एकता, शांति, सद्भाव, परोपकार और मानव सेवा की भावना का संचार किया।

परमपूज्य श्री भोले जी महाराज  ने कहा कि हमारा देश संत-महापुरुषों का देश रहा है। भगवान श्री राम,श्री कृष्ण,भगवान बुद्ध, महावीर स्वामी तथा गुरु नानक आदि सभी संत-महापुरुष आध्यात्मिक थे इसलिए आज भी पूरी दुनिया में उनकी पूजा होती है। अध्यात्म ज्ञान के प्रचार से भारत विश्व का गुरु रहा है।

उन्होंने समारोह में उपस्थित श्रद्धालु-भक्तों का आह्वान किया कि वे श्री हंस जी महाराज के आध्यात्मिक संदेशों और शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारें तथा भारत को फिर से विश्वगुरु बनाने में अपना योगदान करें। इस मौके पर श्री भोले जी महाराज और माता श्री मंगला जी ने श्री हंस जी महाराज के प्रवचनों पर आधारित पुस्तक,ऋते ज्ञानान्न मुक्ति,ज्ञान के बिना मुक्ति नहीं का विमोचन किया।

समारोह में देश के विभिन्न राज्यों से आये संत-महात्माओं ने भी सत्संग के विचारों से लोगों को लाभान्वित किया।