
देहरादून में 15 दिसंबर को दून विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में 2017, 2018, 2019 एवं 2020 के स्नातक एवं परास्नातक विद्यार्थियों को कुलाधिपति राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल(सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह की अध्यक्षता में उपाधियां प्रदान की जाएंगी। इसी के साथ ही पिछले 4 वर्षों के विभिन्न स्नातक एवं परास्नातक के विभिन्न विषयों में सर्वाधिक अंक अर्जित करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित भी किया जाएगा। इस अवसर पर उन सभी शोध विद्यार्थियों को पीएचडी एवं एमफिल की उपाधि प्रदान की जाएगी जिन की मौखिक परीक्षा 30 नवंबर 2021 तक संपन्न हो चुकी है।

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के बारे में दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने बताया कि शिक्षा,स्वास्थ्य एवं सामाजिक जनकल्याण के क्षेत्र में पिछले कई दशकों से उत्कृष्ट एवं उल्लेखनीय योगदान के लिए तथा देश एवं दुनिया में उत्तराखंड को गौरवान्वित करने हेतु हंस फाउंडेशन की संस्थापक माताश्री मंगला एवं श्री गुरु राम राय दरबार के महंत श्री देवेंद्र दास जी महाराज को डॉक्टर ऑफ़ लेटर्स की मानद उपाधि से अलंकृत किया जाएगा। कुलपति ने बताया कि द्वितीय दीक्षांत समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी उपस्थित रहेंगे एवं विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे।

आपको बता दें 15 दिसंबर को दून विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में डॉक्टर ऑफ़ लेटर्स की मानद उपाधि से अलंकृत होने वाली माताश्री मंगला जी पिछले 12 वर्षों से देश के 27 राज्यों में ‘सेवा अस्माकम धर्म’ के संकल्प के साथ अपनी संस्था ‘द हंस फाउंडेशन’ के माध्यम से उन जरूरतमंद और गरीब लोगों के लिए स्वास्थ्य-शिक्षा,महिला सशक्तीकरण,ग्राम्य विकास,कृषक कल्याण और पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। जिन्हें इस भूमंडलीकरण के इस दौर में सबसे ज्यादा मदद की आवश्यकता है।

माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज इस उद्देश्य कि सभी साथ रहे,सभी आगे बढ़े,सब का सम्मान बराबर हो,भारत में जितने भी वंचित समुदाय हैं उनका सशक्तिकरण हो,उनके जीवन की गुणवत्ता बढ़े और एक न्यायसंगत समाज का निर्माण के कार्य कर रहे है। यही वजह हैं कि उन्हें उनकी सेवाओं के कई प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।
माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज जी यूं तो अपनी संस्था के माध्यम से पिछले 12 वर्षों देश के 27 राज्यों अपना योगदान दे रहा है,लेकिन कोरोना संकटकाल में हंस फाउंडेशन ने समाजसेवा का दायरा बढ़ाया। क्योंकि वह जानते थे कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़नी है तो देश को फाइनेंशियल तौर पर मजबूत होना होगा। इसलिए उन्होंने पीएम केयर फंड्स में 4 करोड़ रुपये और उत्तराखंड सीएम रिलीफ फंड में भी डेढ़ करोड़ रुपये की सहयोग प्रदान किया। उनके नेतृत्व में ऑपरेशन नमस्ते की शुरुआत हुई और देश को कोरोना संक्रमण से मुक्त करने में एक बड़ी पहल के साथ सेवा के पथ को आगे बढ़ाया गया। जिसका परिणाम यह रहा की उत्तराखंड सहित देश के तमाम दूसरे हिस्सों में कोरोना योद्धाओं की प्रथम पंक्ति में हंस फाउंडेशन का नाम सम्मान के साथ लिया जा रहा है।

माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज जी देश भर में सेवा के पटल पर हर दिन नयी तस्वीर तो उकेर ही रहे हैं,साथ ही उन लोगों के जीवन में खुशियों के रंग भी भर रहे हैं,जो निराश्रित,असहाय और निर्धन हैं,और उनकी खुशियों की वजह है हंस फाउंडेशन। उत्तराखंड की बात करें तो राज्य में स्वास्थ्य-शिक्षा से लेकर उस हर सेवा में हंस फाउंडेशन की सेवाएं शामिल है,जो परोपकार के द्वार खोलती है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए हंस फाउंडेशन ने पिछले दिनों राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 14 डायलिसिस केंद्रों और 13 सचल चिकित्सालयों की सौगात दी है। बीते दिनों राज्य में आई आपदा ने उत्तराखंड को भारी नुकसान पहुंचाया। राज्य इस आपदा से जल्द से जल्द उभर सके,इसके लिए फाउंडेशन ने प्रभावितों की मदद और राहत कार्यों लिए पांच करोड़ रूपये का सहयोग प्रदान किया।

माता मंगला जी एवं महंत देवेंद्र दास को डॉक्टर ऑफ़ लेटर्स की मानद उपाधि से अलंकृत किए जाने के लिए खुशी जाहिर करते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मंगल सिंह मंदरवाल ने बताया कि दीक्षांत समारोह में 2017 से लेकर 2020 तक उत्तीर्ण हुए स्नातक एवं परास्नातक के विद्यार्थियों को भी उपाधि प्रदान की जाएगी जिसके लिए उत्तीर्ण विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर दिए गए पंजीकरण के लिंक पर स्वयं को पंजीकृत कर सकते हैं। विश्वविद्यालय के इस दीक्षांत समारोह का आयोजन हाइब्रिड मोड पर किया जाएगा ताकि देहरादून नगर से बाहर रहने वाले विद्यार्थी ऑनलाइन प्रतिभाग कर सकें। कुलसचिव ने बताया कि दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग करने वाले विद्यार्थियों एवं स्वर्ण पदक विजेताओं को दीक्षांत समारोह से 1 दिन पहले यानी कि 14 दिसंबर को ड्रेस रिहर्सल में प्रतिभाग करना अनिवार्य होगा।