दिल्ली के विनोद नगर में स्थित रास विहार डीडीए मैदान रविवार को उत्तराखंड लोक संस्कृति,लोक कला,लोक परंपराओं और लोक गीतों से गुंजायमान रहा,मौका था उत्तराखंड लोक भाषा साहित्य मंच,उत्तराखंड एकता मंच और भुम्याल विकास मंच के तत्वावधान में आयोजित भव्य सांकृतिक महाकुम्भ का,जिसमें दिल्ली-एनसीआर से हजारों की संख्या में पहुंच प्रवासी उत्तराखंडियों ने अपने सांस्कृतिक कुनबे को जीवंत करने में एकजुटता दिखाई।
देश की राजधानी दिल्ली में रहकर पिछले कई वर्षों से उत्तराखंड के जनमानस को साथ लेकर चलते हुए। तमाम सांस्कृतिक पटलों पर पहाड़ के सांस्कृतिक कुनबे को परिभाषित करने वाले समाजसेवी एवं दिल्ली पैरामेडिकल & मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट (DPMI) के अध्यक्ष डॉ.विनोद बच्छेती के अथक प्रयासों से आयोजित इस भव्य उत्तराखंडी महाकुंभ के आयोजन ने राजधानी दिल्ली के सांस्कृति,सामाजिक और लोक परिवेश के पटल पर गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी,स्वर कोकिला मीना राणा एवं विशन हरियाला जैसे गायकों ने पहाड़ की माटी की सुगंध से जब अपने गीतों की रंगत बिखेरी तो दर्शकों से खचाखच भरा मैदान उत्तराखंडी संस्कृत और रीति रिवाजों के रंगों से सराबोर हो गया है।
पहाड़ की खुद और पहाड़ के गीतों की सुगंध से कुछ आंखे नम् हुई तो,कुछ आंखों ने खुद की आंखों की चमक में पहाड़ को अपने पास आते हुए देखा। इस सांस्कृति आयोजन की खास बात यह भी रही कि पहाड़ के इन रंगों में कई सामाजिक एवं सांकृतिक संस्थाओं से जुड़ी महिला मंडली एवं बच्चों ने समूहिक प्रदर्शन से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। उस पर जब एक साथ ढोल और दमाऊं बजाने वाले और दो आवाज में गाने वाले ढोल वादक उत्तम दास ने अपने कला का प्रदर्शन किया तो दर्शकों से खचाखच भरा रास विहार डीडीए मैदान तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठा।
इस मौके पर डॉ.विनोद बच्छेती ने कहा कि मैं आज बहुत अभिभूत हूं,भावुक हूं और आप सब के इस अथा प्रेम के लिए आप सब का अभिनंदन करता हूं कि आप सब के सहयोग और प्रयास से आज हम एक साथ इतनी बड़ी संख्या में यहां एकत्रित हुए है। अपनी संस्कृति,अपने परिवेश के लिए काम कर रहे है।
श्री बच्छेती ने कहा कि पहाड़ के सांस्कृति,सामाजिक एवं लोक परिवेश को दिल्ली जैसे शहर में एक मंच पर देखना और उससे जुड़ना हम सब के लिए गर्व की बात है। इस के लिए हमने कई महिनों से तैयारी की,जिसमें बड़ी संख्या में हमारे साथ पहाड़ से जुड़ी संस्थाओं,व्यक्तियों और मेरे तमाम मित्रों ने रात-दिन मेहनत की जिसका परिणाम आज आप सब के सामने है। मैं इसके लिए आप सभी का हृदय से आभारी हूं। आइए हम सब मिलकर इस यात्रा को आगे बढ़ाते हैं,ताकि पहाड़ मैदान से लेकर पहाड़ की डांडी-काण्ठियों तक खुद को गौरवान्वित महसूस कर सके।
डॉ.बच्छेती ने कार्यक्रम में आए मुख्य अतिथि राज्य सभा सांसद दुष्यंत गौतम,विशिष्ट अतिथि भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता,केंद्र सरकार में मंत्री एवं सांसद अजय भट्ट एवं दिल्ली एनसीआर में उत्तराखंड की संस्थाओं के संरक्षक एवं अध्यक्ष पदाधिकारियों का कार्यक्रम में पधारने और अपना अमूल्य समय देने के लिए कोटि-कोटि आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर उत्तराखंड लोक भाषा के लिए विशिष्ट योगदान देने के लिए साहित्यकार,पत्रकार,कवि,लेखक एवं दिल्ली-एनसीआर में रह रहे उत्तराखण्डी मूल के 10वीं एवं 12वी बोर्ड परीक्षा 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले मेधावी बच्चों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में महाकवि कन्हैयालाल डंडरियाल साहित्यि सम्मान-2019 से वरिष्ठ साहित्यकार रमेश चंद्र घिल्डियाल,पत्रकारिता सम्मान रंत रैबार के संपादक ईश्वरी प्रसाद उनियाल,लोक कला सम्मान सुप्रसिद्ध ढोल वादक उत्तम दास और पहाड़ के ग्रामीण अंचल से जुड़े पत्रकार जगमोहन डांगी को ग्रामीण पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया गया।