कोरोना संक्रमण के लड़ने के लिए उत्तराखण्ड के ग्रामीणों के लिए संजीवनी का काम कर रही ‘हंस फाउंडेशन’ की सेवा यात्रा ‘सेवा भी सम्मान भी’

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रूद्रप्रयाग जिले के केदार घाटी के सूदूरवर्ती गांव हुड्डु की 70 वर्षीय कस्तूरा देवी हाथ जोड़कर उन आशा कार्यकर्ताओं और उन स्वयंसेवकों का अभिवादन कर रही है। जो कोरोना संक्रमण के इस दौर में पहली बार उनके खेत-खलिहानों तक उनके हाल-चाल पूछने पहुंचे है। जो इस 70 वर्षीय बुर्जुग महिला और उसके परिवार के सदस्यों की स्वास्थ्य जांच कर उन्हें कोरोना संक्रमण जैसे महामारी के बारे में जागरूक तो कर ही रहे हैं,साथ ही जरूरतमंद लोगों को खाद्य सामग्री प्रदान कर उनके जीवन को नयी मुस्कान प्रदान कर रहे है।

कोरोना महामारी के इस दौर में यह आशा कार्यकर्ता एवं स्वयंसेवक लगभग उत्तराखण्ड के हर ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए जागरूक तो कर ही रहे है। साथ ही ग्रामीणों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क,सैनिटाइजर,गाउन, ऑक्सिमिटर,थर्मामीटर, बी पी मशीन,स्टीमर एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी उपकरण भी प्रदान कर रहे है। इसी का परिणाम हैं कि आज उत्तराखण्ड के दूरगामी क्षेत्रों में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार घट रहा हैं और  इस परिकल्पा के केंद्र में है हंस फाउंडेशन के संस्थापक श्री भोले जी महाराज जी एवं माताश्री मंगला जी,जिनके मार्गदर्शन में ‘सेवा भी सम्मान भी’ के संकल्प और ‘अहर्निशं सेवामहे’ की सोच के साथ उत्तराखण्ड में भारत-चीन सीमा से लगे अंतिम गांव माणा से लेकर उत्‍तराखण्ड के अंतिम गांव गंगी तक कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए हंस फाउंडेशन की संजीवनी रूपी सेवाएं पहुंच रही है।

उत्तराखण्ड में घर-गांव,खेत-खलिहानों तक पहुंच रही हंस फाउंडेशन की संजीवनी रूपी मदद ने कोरोना संक्रमण के इस दौर में पहाड़ पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई क्रांति ला दी है। आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यर्ताओं,ग्राम प्रधानों,पंचायत सदस्यों एवं पुलिस-प्रशासन के माध्यम से हंस फाउंडेशन उत्तराखण्ड के दूरगामी क्षेत्रों में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों,सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं गांवों तक कोराना संक्रमण के बचाव के लिए ऑक्सिजन कॉन्सन्ट्रेटर, नेबुलाइजर, ऑक्सिजन मास्क,पी.पी.ई किट,पी.पी.ई.गाउन, ऑक्सिमिटर,थर्मामीटर,सैनिटाइजर, बी पी मशीन,स्टीमर एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी उपकरण पहुंचा कर कोरोना महामारी को गांव तक न पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ताकि उत्तराखण्ड को जल्द से जल्द कोरोना महामारी से उभारा जा सके।

पहाड़ के दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंच रही है खाद्य सामग्री

कोरोना लॉकडाउन के चलते पहाड़ लौटे अधिकांश लोग आज अपने गांव में रह रहे है। यह इस लिए भी जरूरी हैं कि कोरोना को हराने के लिए और देश को जल्द से जल्द कोरोना मुक्त करने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई गाइडलाइन का आनुपालन किया जाए।

कोरोना लॉकडाउन के लिए बनाई गई गाइडलाइन का पालन करते हुए हंस फाउंडेशन के स्वयंसेवक पहाड़, नदी और दुर्गम रास्तों से होकर उन गांवों के ग्रामीणों तक खाद्य सामग्री एवं स्वास्थ्य संबंधि सामग्री पहुंचा रहे है। जिन्हें इस संकट के समय में सबसे ज्यादा मदद की आवश्यकता है।

जनपद रुद्रप्रयाग की ग्रामसभा बोरा,दुर्गा धार,बांज बगड़,नारी,खतेड़ा, सिल्ली,सतेरा,उर्खोली, कोल्लू, भन्नू,तड़ाग, बछनी, भटवाड़ी, क्यूड़ी, कालिंका कोड़ा,स्वारी,ग्वाश,बगोटी,बुरांशधार,ढंगड़ी,सतेराखाल,चोपता, दुर्गाधार,बावई,घिमतोली, दसज्यूला कांडई, अगस्त्यमुनि,उखीमठ, गुप्तकाशी, फाटा, स्वीली जखोली एवं जनपद के सभी देवस्थलों निरंतर जरुरतमंद को खाद्य सामग्री एवं स्वास्थ्य संबंधि सामग्री प्रदान की गई है।

उत्तराखण्ड के हर जिले में कोरोना संक्रमण के इस दौर में तमाम संघर्षों से झूझते हुए हंस फाउंडेशन के स्वयंसेवक निरंतर ग्रामीणों,स्वास्थ्य कर्मियों और जरूरतमंद लोगों तक सहयोग के हाथ बढ़ा रहे है। चमोली के घाट ब्लॉक के सीमांत गांव चरी,कुमजूक,धुर्मा खुनाणा,स्यारी-बंगाली,बांज बगड़,चाका,मथकोट,लांखी,सरपाणी,भेटी कर्णप्रयाग ब्लॉक के कमेडा गाँव,विकास खंड पोखड़ा के ग्राम कुई, मझगांव,दान्था,मालकोट,सौंडल,चमनाऊ,नाई,भेटी,ओडगांव ग्राम सभा गडोली,घरतोली, हरुली-पाली, माल्ड बस्यूर-मजगांव,हडकोट,खेडगांव, दलमाणा एवं मालकोट,जिला पिथौरागढ के विकासखंड बेरीनाग ग्राम रावलखेत,हल्द्वानी,धारचूला,गंगोलीहाट के साथ ही धुमकोट,पौड़ी,श्रीनगर के दूरगामी गांव तक हंस फाउंडेशन के माध्यम से निरंतर जरूरतमंद लोगों को खाद्य सामग्री के साथ-साथ जीवन रक्षक स्वास्थ्य सामग्री प्रदान की जा रही है।

जिस के लिए ग्रामीणों के साथ-साथ आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज जी का आभार प्रकट कर रहे है।