समरसता और दिलों को जोड़ने की क्रांति का साक्षी बना काशी विश्वनाथ कॉरिडोर,दलित और आदिवासी महिला पुरुषों को साथ लेकर इन्द्रेश कुमार ने मंदिर में किया प्रवेश

0
633

रामपंथ और विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में भारत के इतिहास में समानता,बंधुत्व और प्रेम की क्रांति बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर से निकल कर पूरी दुनियां में गयी,यह तो आज दर्ज हो ही गया। मुसहर,धरकार के साथ अन्य दलित जातियों की महिलाओं ने पहली बार विश्वनाथ मंदिर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष नेता इन्द्रेश कुमार और रामपंथ के पंथाचार्य डॉ०राजीव श्रीगुरुजी के साथ प्रवेश किया। बाबा से मिलने के लिए 51 महिला-पुरुषों ने जब सुभाष भवन से हर-हर महादेव और जय सियाराम का उदघोष करते हुए कूच किया तो नजारा देखने लायक था।

• काशी विश्वनाथ से उठी लहर,छुआछूत मिटा,समता,समानता,समरसता आयी।

• बाबा भोलेनाथ ने बताया, धर्मांतरण नहीं सब धर्मों का सम्मान,धार्मिक कट्टरता नहीं बल्कि धार्मिक भाईचारा।

• नारी पर अत्याचार नहीं नारी का सम्मान।

• दलित समाज की महिलाएं हुई अविभूत, कहा अब भगवान से ये रिश्ता नहीं टूटेगा।

• मंदिर जाकर लगा कि मेरा धर्म कितना महान है।

• भारत के जाने-माने दलित चिंतक एवं केराकत विधानसभा के पूर्व विधायक दिनेश चौधरी ने दलितों के जीवन की परिवर्तनकारी घटना बताया।

• प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का स्वप्न हुआ साकार, छुआछूत मिटा, समरसता आयी।

• विश्वनाथ कॉरिडोर के दर्शन कर जनजातीय, अनुसूचित समाज हुआ धन्य।

• सबकी माता भारत माता, सबको मिलाए भारत माता का हुआ कीर्तन।

• ॐ नमः शिवाय का जाप करते चल रही थीं महिलाएं।

• माँ गंगा का जल पिलाकर माननीय इन्द्रेश कुमार जी ने दलित समाज की महिलाओं की बाबा विश्वनाथ से रिश्तेदारी पक्का कर दिया।

इस अवसर पर इन्द्रेश कुमार ने कहा कि सामाजिक समरसता और समानता की क्रांति की शुरुवात हो चुकी है। अब गांव-गांव से चलो विश्वनाथ दरबार का नारा गूंजेगा और दलित, जनजातीय समाज अयोध्या काशी और मथुरा की ओर दर्शन पूजन करने को निकलेगा और संस्कृति को दुनियां में प्रसारित करेगा।

दलित समाज की महिलाओं का नेतृत्व लक्ष्मीना देवी ने और मुसहर समाज का नेतृत्व किशन बनवासी ने किया। अल्पसंख्यक समाज का नेतृत्व नाजनीन अंसारी ने किया।

दर्शन करने वालों में अर्चना भारतवंशी,नजमा परवीन,इली भारतवंशी,पूनम, सुनीता,अर्चना,प्रियंका,पार्वती,ऊषा,निर्मला,हीरामनी,लालती,सुमन,सविता,धनेसरा, नीतू,किशुना,श्यामदुलारी,विद्या देवी,प्रभावती,उर्मिला,गीता,सरोज,रमता,शीला,ज्ञान प्रकाश,सूरज चौधरी,राजेश आदि लोग शामिल रहे।