उत्तराखंड सरकार ने हिमाचल के उद्योगपति एवं समाजसेवी महेंद्र शर्मा को श्री बदरी-केदार मंदिर समिति का सदस्य नामित किया है। उत्तराखण्ड शासन के सांस्कृति,धर्मस्व,तीर्थाटन विभाग के सचिव ने राजयपाल की ओर से इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है।
आपको बता दें कि 61 वर्षीय महेंद्र शर्मा जिला के बढेड़ा राजपूत से संबंध रखते हैं। वह नई दिल्ली के इस्कॉन मन्दिर की नवीकरण,पुनरद्धार समिति के वाईस चेयरमैन भी हैं। इसी के साथ यमुना नदी के पुनर्रुद्धान के लिए गठित हरी यमुना समिति के उपाध्यक्ष भी हैं।
महेंद्र शर्मा की गणना देश के चोटी के सामजसेवियों और उद्योगपतियों में की जाती है। उनकी कम्पनी देश भर में राष्ट्रीय महत्व की इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण,होटल, फ़ूड प्रोसेसिंग,शिक्षा,रियल एस्टेट की अनेक परियोजनाओं का निर्माण कर रही हैं। जिसमें लाखों गरीब एवं जरूरतमंद नौजवानों के रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रहे है।
उत्तराखंड सरकार द्वारा उन्हें हिन्दू धार्मिक मामलों में विशेष रूचि रखने वाले दानदाताओं की श्रेणी में श्री बदरी-केदार मंदिर समिति में मनोनीत किया है। जो कि हिन्दुओं के पावन स्थलों के प्रबंधन का कार्य देखते हैं।
श्री महेंद्र शर्मा अनेक धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हैं। साथ ही समाज के दबे कुचले,गरीब और पिछड़े बर्ग के सामाजिक आर्थिक उत्थान के लिए निरन्तर कार्य कर रही हैं। वह नई दिल्ली के इस्कॉन मन्दिर की नवीकरण,पुनरद्धार समिति के वाईस चेयरमैन हैं। जो कि मन्दिर की साज सज्जा का कार्य देख रही है।
इसी के साथ महेंद्र शर्मा दिल्ली में देश भर से एम्स जैसे अस्पतालों में अपना इलाज करवाने आये गरीब रोगियों को दवाई,जरूरी उपकरण और खान-पान की सुबिधा उपलब्ध कराते हैं। इसी के साथ दिल्ली के अस्पतालों के बाहर गरीब रोगियों और उनके परिजनों को पोषाहार प्रदान करने के लिए लंगर चलाते हैं।
श्री शर्मा मैसूर में एड्स पीड़ित स्ट्रीट चिल्ड्रन्स के इलाज के लिए आशा किरण हॉस्पिटल को नियमित रूप से आर्थिक सहायता प्रदान कर रहे है। उन्होंने श्री केदारनाथ जी के गर्भ गृह में चांदी के आवरण के कार्य को सम्पन्न करने के लिए दो करोड़ रूपये की सहायत प्रदान की,माता चिंतपूर्णी जी के मन्दिर में भी चांदी के आवरण के कार्य को सम्पन्न करने के लिए दो करोड़ रूपये का सहयोग प्रदान किया। वह हरी यमुना सहयोग समिति के वाईस चेयरमैन हैं जो कि पावन यमुना नदी की सफाई,यमुना तटों पर पौधरोपण,यमुना नदी में प्रदूषण कम करने सहित अनेक विकास और धार्मिक महत्त्व की परियोजनाओं पर कार्य कर रही है।