पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत के विरोध में उत्तराखंड कांग्रेस का प्रदर्शन,मदन कौशिक ने कसा तंज,प्रदर्शन के बजाय अपने हाईकमान का पथ प्रदर्शक बने कांग्रेसी

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उत्तराखंड कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ शुक्रवार को प्रदेशभर में पेट्रोल पंपों के सामने विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस के इस प्रदर्शन पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस और विपक्षी दलों के पेट्रोल डीजल की कीमतो में वृद्धि पर धरना प्रदर्शन जान बूझकर हकीकत से आँख चुराने जैसा है।  

श्री कौशिक ने कहा कि अंतराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत में तेजी का असर  भारत के घरेलू बाजार पर स्पष्ट तौर पर पड़ा। यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है कि भारत अपनी जरुरत का 80 प्रतिशत तेल आयात करता है। इसका असर कुछ समय जरूर उपभोक्ताओ पर पड़ रहा है, लेकिन कांग्रेस इस पर शोर मचाने के बजाये उसके शासित प्रदेशो में वेट की दर घटाकर जनता को राहत देने का कहीं भी कोई उदाहरण सामने नहीं आया।

कांग्रेस शासित महारास्ट्र,राजस्थान और छत्तीसगढ और पंजाब जैसे राज्यों में तेल पर वेट अधिक है जो देश में सर्वाधिक है। राजस्थान में 38 प्रतिशत तेल पर वेट लगाया गया है तो महाराष्ट्र में 42 प्रतिशत तक वेट चार्ज किया जा रहा है। वहीं पंजाब में 36 प्रतिशत वेट तेल पर लगाया जा रहा है। दूसरी ओर भाजपा शासित कई प्रदेशो में सरकार ने वेट में कमी कर लोगो को राहत दी है। उदाहरण के तौर पर उत्तराखंड में पेट्रोल और डीज़ल पर वेट 27.15 है तो यूपी में यह 26.90 है। पेट्रोल पम्प में धरना प्रदर्शन करने वाले नेताओंं की ओर से भी कभी ऐसा कोई प्रस्ताव हाई कमान को नही गया कि वेट  घटाकर जनता को राहत दी जाए।

कोरोना काल में सेवा कार्यों के बजाय कांग्रेस इसे अवसर के तौर पर देख रही है। विपक्षी कांग्रेस  पेट्रोल-डीजल की कीमतो को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही है, लेकिन उसे जनता की समस्या को लेकर कोई लेना देना नहीं है। वह अपने शासित प्रदेशो में लोगों को वैट घटाकर राहत दे सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में देश भर में अन्तर्कलह और गुटबाजी को लेकर तमाम तरह की सुर्खिया है और कांग्रेस चुनाव को देखते हुए लोगों का ध्यान भटकाने और माहौल बनाने के लिए इस तरह के दुष्प्रचार कर रही है। जनता तो कांग्रेस की हकीकत को समझती ही है, लेकिन प्रदेश में उसके नेताओं को चाहिए कि वह अपने दल के नेताओं को भी मार्गदर्शन दे कि कैसे जनता को राहत दी जाए।