पूर्वी दिल्ली के दिलशाद गार्डन स्थित नर्सरी पार्क का ‘वीरबाला तीलू रौतेली स्मृति उद्यान’ के नाम से नामकरण,उत्तराखंड समाज के प्रबुद्धजन रहे उपस्थित

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पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा दिलशाद गार्डन वार्ड के जीटीबी एनक्लेव  जनता फलैट स्थित नर्सरी पार्क का वीरबाला तीलू रौतेली स्मृति उद्यान के नाम पर नामकरण किया गया। इस पार्क का नामकरण दिल्ली के करावल नगर के विधायक मोहन सिंह बिष्ट एवं पूर्वी दिल्ली नगर निगम में स्थाई समिति के अध्यक्ष वीर सिंह पंवार के कर कमलों से किया गया। पार्क के नामकरण के अवसर पर बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंडी अपने पारंपरिक परिधान में उपस्थित रहे। जिसके बाद हजारों की संख्या में उपस्थित प्रवासी उत्तराखंडियों ने जय उत्तराखंड,जय बद्री विशाल और जय केदार के घोष के साथ साथ मंत्रोचारण के साथ नमाकरण किया।

इस अवसर पर निगम पार्षद वीर सिंह पंवार ने नर्सरी पार्क का वीरबाला तीलू रौतेली स्मृति उद्यान के नाम से नामकरण होने पर क्षेत्र वासियों और उपस्थित प्रबुद्धजनों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दिल्ली जैसे शहर में उत्तराखंड की प्रतिभाओं और ऐतिहासिक हस्तियों को नये स्वरूप में स्थापित कर युवा पीढ़ी को इससे जोड़ा जा रहा हैं,यह हम सबके लिए गर्व की बात है।

श्री पंवार ने कहा कि तीलू रौतेली की जन्म तिथि के संबंध में कोई विशेष ऐतिहासिक व प्रामाणिक तथ्य उपलब्ध नहीं हैं,विभिन्न इतिहासकार मानते हैं कि इनका जन्म सन् 1661 में कांडा गाँव (पट्टी खाटली), जिला पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। गढ़वाल क्षेत्र में प्रतिवर्ष अगस्त माह में इनकी जयंती मनायी जाती है, इस उपलक्ष्य में जगह-जगह मेले लगते हैं व लोकगीत गाये जाते हैं।जितने घाव उतने गाँव-तीलू रौतेली के पिता भूपसिंह (गोर्ला) रावत,गढ़वाल नरेश की सेना के सदस्य थे। उन दिनों गढ़वाल पर कत्यूरों के लगातार हमले होते रहते थे। इन हमलों से गढ़वाल राज्य की सीमाएं असुरक्षित हो चुकी थीं और जनता में भय का वातावरण बन रहा था। अतःगढ़वाल नरेश ने शत्रु को सबक सिखाने और अपने राज्य के विस्तार हेतु कत्यूरों पर आक्रमण कर दिया।

इस युद्ध में गढ़वाल के राजा मान शाह की सेना को विजय प्राप्त हुई। युद्ध में तीलू के दोनों भाइयों (भग्तू और पथ्वा) ने विलक्षण युद्ध-कौशल व पराक्रम का परिचय दिया और इनकी वीरता से प्रसन्न होकर राजा ने इन्हें हर एक घाव के बदले एक गाँव देने का निर्णय लिया। दोनों भाइयों के शरीर पर कुल 42 घाव थे। इस प्रकार उन्हें 42 गाँव भेंट किए गए। इसी बीच 15वर्ष की आयु में तीलू रौतेली की सगाई इडा गाँव (पट्टी मोंदाडस्यु) के भुप्पा सिंह नेगी के पुत्र के साथ कर दी गई। ऐसी वीरता की प्रतिक तीलू रौतेली के नाम से आज इस पार्क का नामकरण किया गया हैं,यह उत्तराखंड समाज के लिए सम्मान की बात है।

इस मौके पर गढ़वाल मित्र समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों और क्षेत्रीय जनता का अभिवादन करते हुए कहा कि आप सभी के आशीष से आज हम सामाजिक स्तर पर दिलशाद गार्डन क्षेत्र में निरंतर पहाड़ के जीवन-परिवेश को नई दिशा दे रहे है। इसके लिए हम पूरी टीम का आभार प्रकट करते है।

उन्होंने कहा कि वीरबाला तीलू रौतेली सत्रहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में जन्मीं गढ़वाल (उत्तराखंड) की वीरांगना ‘तीलू रौतेली’ को ‘उत्तराखंड की झाँसी की रानी’ अथवा‘गढ़वाल की लक्ष्मीबाई’ के नाम से भी जाना जाता है,तीलू के संबंध में उत्तराखंड के गढ़वाल व कुमायूं क्षेत्र में अनेक गाथाएँ व किवदंतियाँ प्रचलित हैं। यह बालिका जो मात्र 15 वर्ष की आयु में रणभूमि में कूद पड़ी थी संभवतः विश्व की एक मात्र ऐसी वीरांगना हैं,जिसने 15 से 22वर्ष की आयु में सात वर्षों में करीब 40 से भी अधिक छोटे-बड़े युद्ध लड़े और सभी युद्धों में अपराजित रहते हुए दुश्मन राजाओं से अपनी मातृभूमि की रक्षा की,आज हम सब वीरबाला तीलू रौतेली को याद करते हुए उनके नाम से इस नर्सरी पार्क का नामकरण कर रहे है। यह निश्चित तौर पर वीरबाला तीलू रौतेली के सम्मान के साथ-साथ आप सबका भी सम्मान है।

इस मौके पर विधायक मोहन सिंह बिष्ट स्थानीय निगम पार्षद वीर सिंह पंवार और गढ़वाल मित्र समिति द्वारा क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि मैं इस कार्यक्रम में आकर अभिभूत हूं,इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए मैं वीर सिंह पंवार जी और उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूं।

इस मौके पर बद्री विशाल कीर्तन मंडली भी इस कार्यक्रम में शामिल हुई। जिन्होंने उत्तराखंड के पांरपरिक नृत्य थडिया की मनमोहकर प्रस्तुति से क्षेत्रवासियों का मनमोह लिया। कार्यक्रम में विकास हाण्डा मंडल अध्यक्ष,महामंत्री सुभाष कटारिया दिलशाद गार्डन मण्डल,हरीश रावत अध्यक्ष  गढवाल मित्र समिति पंजीकृत,दिनेश पंत महासचिव,गढ़वाल मित्र समिति पंजीकृत,केदार सिंह चौहान,पूर्व जिला अध्यक्ष,उत्तरांचल प्रकोष्ठ गजपाल सिंह रावत,अध्यक्ष,वीरबाला तीलू रौतेली समिति,रीना शर्मा उपाध्यक्ष,पूर्वांचल मोर्चा नवीन शाहदरा जिला, कविता रावत,उत्तराखंड प्रकोष्ठ दिलशाद गार्डन मंडल,लोकेश नयाल,राकेश नेगी  गढ़वाल मित्र समिति के सभी सदस्य वीरबाला तिलु रौतेली समिति के सभी पदाधिकारी एवं उत्तराखंड के समाज से जुड़े लोग और क्षेत्रीय जनता उपस्थित थी।