मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र की समस्याओं के समाधान की दिशा में हम चरणबद्ध ढ़ंग से आगे बढ़ रहे हैं। प्रभावित लोगों को त्वरित राहत एवं बचाव पहुंचाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। जोशीमठ के लोगों की जानमाल की सुरक्षा ही इस समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। प्रभावित परिवारों को तात्कालिकता के साथ सुरक्षित स्थानों में भेजा जा रहा है।
उन्होंने कहा प्रभावित भवनों के चिन्हीकरण का कार्य निरन्तर जारी है। भूवैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों की टीमें भूधसांव के कारणों की जांच के कार्य में लगी है। प्रशासन प्रभावितों के निरन्तर सम्पर्क में है। राहत शिविरों में उनकी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भू धंसाव से प्रभावित जोशीमठ क्षेत्र के लोगों के हित में राज्य कैबिनेट द्वारा लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों को प्रभावितों के व्यापक हित में बताया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपदा की इस घड़ी में हम प्रभावितों के साथ खड़े हैं इसमें कहीं किसी को भी किसी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए। प्रभावितों के हित में उनकी जो भी अपेक्षाएं हैं उन अपेक्षाओं के अनुरूप उनके पुनर्वास और सेटलमेंट के लिए काम कर रहे हैं,प्रधानमंत्री जी भी स्वयं और उनका कार्यालय भी लगातार इस बात की चिंता कर रहा है। प्रभावितों के विस्थापन के लिए उनके सुझावों के आधार पर इतनी बेहतर व्यवस्था की जायेगी यह पूरे देश के लिए नजीर बने।
पेट्रोलियम और एनर्जी स्टडीज विश्वविद्यालय ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया 5 लाख रुपए सहयोग
शुक्रवार को सचिवालय में पेट्रोलियम और एनर्जी स्टडीज विश्वविद्यालय (UPES) के चांसलर डॉ.सुनील राय ने सीएम धामी से भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने जोशीमठ में भूधंसाव से प्रभावितों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु 05 लाख रुपए का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा। इस अवसर पर वी.सी डॉ.राम शर्मा भी उपस्थित थे।