चमोली आपदा के बाद एसडीआरएफ और तमाम दूसरी टीम निरंतर बचाव कार्य और सर्च ऑपरेशन में जुटी हुई है। इस बीच एसडीआरएफ को बड़ी सफलता मिली है। एसडीआरएफ ने ग्रामीणों के साथ मिलकर ऋषि गंगा नदी में बने झील के मुहाने को तोड़ने में सफलता हासिल की है। जिसके बाद ऋषि गंगा झील के पानी दबाव कम होने लगा है। इससे यह भय भी साफ हो गया हैं कि इस झील में जलभराव से उत्पन्न होने वाले खतरे एसडीआरएफ के जवानों और ग्रामीणों ने मिलकर खत्म कर दिया है।
उत्तराखंड में लगातार बदलते मौसम और तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए एसडीआरएफ के जवानों और ग्रामीणों ने ऋषि गंगा नदी में बने झील के मुहाने को तोड़ने में बड़ी सफलता हासिल की है। इस बारे में डीआईजी,एसडीआरएफ एवं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी यू.एस.डी.एम.ए.उत्तराखंड श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि एसडीआरएफ (SDRF) माउंटेनिरिंग टीम द्वारा तीन दिन में ग्रामीणों की सहायता से झील के मुहाने को 20 फिट से 50 फिट तक खोल दिया है। जिससे झील के जल स्तर में 1 फिट से भी अधिक की गिरावट आई है।
आपको बता दें कि वैज्ञानिकों के 10 सदसीय दल के साथ एसडीआरएफ (SDRF) के 7 कर्मी और कुछ पोर्टल जल भराव क्षेत्र में रुके हुए है। जहाँ वैज्ञानिकों के द्वारा झील से उत्पन्न खतरे का आकलन करना तथा उक्त आकलन के बाद इसका निराकरण हेतु तकनीकी परामर्श देना है। वहीं एसडीआरएफ (SDRF) जवान और ग्रामीण वैज्ञानिक दलों को सुरक्षा देने के साथ ही झील के पानी की निकासी कर दवाब को कम कर रहे है।
एसडीआरएफ (SDRF) सेनानायक नवनीत भुल्लर ने कहा कि हमारे जवान लगातार कार्य कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य पानी के दवाब को समाप्त करना है। हम लगातार QDA और सेटेलाइट फोन के माध्यम से टीम के सम्पर्क में बने हुए है। हम इस समन्वय के साथ निरंतर सफल भी हो रहे है। इस में हमें निरंतर ग्रामीणों को सहयोग मिल रहा है। इसके लिए हम ग्रामीणों को आभारी है कि वह सब जवानों के साथ मिलकर झील में चल रहे हर कार्य में सहयोग कर रहे है।
आपको बता कि ऋषिगंगा में आई आपदा की वजह से लापता लोगों को मृत घोषित करने की इजाजत भी मिल गई है। जिसके लिए रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया के उप महारजिस्ट्रार ने जन्म एवं मृत्यु से संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। जिसके बाद राज्य सरकार ने भी आदेश जारी कर दिए है। सरकार ने लापता लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए पंजीकरण कराने के लिए अभिहित अधिकारी और दावों व आपत्तियों के निस्तारण के लिए अपीलीय अधिकारियों को नामित कर दिया है।