Tag: Bina Benjwal
लोक माटी से उपजा चित्रशिल्प बी.मोहन नेगी
सुनहरी दाढ़ी में दमकता मुखमण्डल। आत्मा के उजास से दीप्त आँखें। कंधे पर लटकता एक थैला। कला जगत के बीच जाना-पहचाना यह नाम आम...
ऋषि परंपरा के संवाहक नरेन्द्रदत्त जमलोकी जी को विनम्र श्रद्धांजलि!
वीणा! ऋषि परंपरा के ऐसे विरले संवाहक मनीषी जिनकी सुसंस्कृत वाणी से मेरे लिए उच्चरित इस संबोधन को ही मैंने अपने हस्ताक्षर बना लिया।...