Tag: Nand Kishore Hatwal
‘जैसे हमारे राज्जा-माराज्जाओं का इत्यास होता है वैसे ही हमारे लारा-लत्तों...
पहाड़ी लोकपरिधान,वस्त्र विन्यास के लिए समर्पित,ड्रेज डिजायनर। आधुनिकता की चकाचौंध में विलुप्त होते पहाड़ी परम्परागत परिधानो को पुनर्जीवन देने वाले। फकीर,जुनूनी,दीवाना,साहित्य,संस्कृति,कलाप्रेमी। प्यारा, आत्मीय इंसान।...
चन्द्र सिंह राही जी की पुण्यतिथि पर विशेषः-जरा ठन्डू चलदी, जरा...
उत्तराखण्ड के लोगों के लिए चन्द्र सिंह राही का अर्थ है एक ऐसी आवाज जिसमें पहाड़ तैरते थे। उनके गले से लहरें उठती थी...
पद्मश्री कल्याण सिंह रावत और मैती आन्दोलन
वृक्षों को लगाने और उनके पोषण को लेकर भावनात्मक लगाव पैदा करने और इसे परम्परा बनाने का प्रयास है मैती आन्दोलन और इसके प्रणेता...
‘बंगाण’ के समाज,भाषा एवं लोक साहित्य पर लिखी पहली किताब
एक कुटीण थी औनि एक तिरौं बोटौ थौ। दुइंयां आपस माईं इली मिलिऔ रौऐण थै। कुटीण आपड़ै बोटे आरि बोलै थी कि जौ तांउंकै...