त्रिवेंद्र रावत,केवल जनप्रतिनिधि ही नहीं,जनता के प्रति बेहद ही संवेदनशील जनसेवक का उदाहरण भी हैं

0
857

आज आपके बीच एक ऐसा वाकया साझा कर रहे हैं जो निवर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र की जनता के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है, जी हां आज हम बात कर रहे हैं सैनिक परिवारों की वर्षों से जुड़ी पानी की समस्या की जो पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र ने अपने रहते हल की।

वाकया है रायपुर विधानसभा के कृष्णा एंक्लेव में निवास कर रहे लगभग 50 सैनिक परिवारों से संबंधित और पिछले कोरोना के समय का। आपको बता दें कि कई वर्षों से कृष्णा एनक्लेव के लगभग 50 सेनिकों के परिवार जन पानी की बड़ी समस्या से जूझ रहे थे और उन्हें हर टैंकर मंगवाने के पैंसे देने पड़ते थे। उनके पास ऐसा कोई भी रास्ता नहीं था जो उनकी इस समस्या को सुन सके, कई बार उनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी इस विषय में अवगत किया गया लेकिन हमेशा उन्हें यही कहा गया कि यहां पानी उपलब्ध नहीं किया जा सकता और जिनसे उन्होंने यह जमीन खरीदी है वही इस समस्या को ठीक करेंगे। ऐसे में वहां की एक समाज सेविका श्रीमती प्रेमा बसेरा द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय को इस विषय में अवगत करवाया जाता है।

मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जैसे ही सेनिकों से जुड़े इस गंभीर विषय को निवर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र जी के संज्ञान में लाया गया तो शीघ्र ही उन्होंने यह कह कर की सैनिक हमारे लिए बोडरों पर दिन रात डटे हुए हैं ताकि हम चैन से सो सकें और उनके परिवार ऐसी समस्या से जूझ रहे हैं, तत्काल उन्होंने विभाग को यह कह कर की जबतक वहाँ पानी की लाइन न डल जाए उन्हें मुफ्त में टैंकर की व्यवस्था दी जाए और आगे से उन्हें इस समस्या के चलते परेशान ना होने पड़े, बीच-बीच में पूर्व मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर उनके प्रतिनिधियों द्वारा सैनिक परिवारों से इस विषय पर अपडेट भी लिया जाता है ताकि विभाग इसमें कोई कमी ना कर रहा हो।

आज भी वहां मुफ्त टैंकर परिवारों को दिए जा रहे हैं। भविष्य में कृष्णा एन्क्लेव में पानी की कमी ना हो इसके लिए वहां के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जी ने पानी के नल के कनेक्शन की योजना को भी अपने रहते ही मंजूर कर दिया था। जो कि लगभग ₹4 करोड़ की योजना है। हमें पूरी आशा है कि शीघ्र ही इस योजना पर कार्य किया जाएगा और सैनिक परिवारों को पानी की समस्या से जल्द ही छुटकारा मिलेगा। ऐसे कई किस्से हैं जो पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र को संवेदनशील जनसेवक के रूप में प्रदर्शित करते हैं।