Uttar Pradesh:-राज्यपाल गुरमीत सिंह ने गाजियाबाद में राष्ट्रीय सैनिक संस्था द्वारा आयोजित ‘शहीद सम्मान समारोह’में मुख्य अतिथि के रूप में किया प्रतिभाग

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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि)ने बुधवार को गाजियाबाद,उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय सैनिक संस्था द्वारा आयोजित “शहीद सम्मान समारोह”में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया।

कार्यक्रम में अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि यह अवसर केवल एक आयोजन नहीं,बल्कि उन अमर सपूतों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का क्षण है,जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर राष्ट्र की स्वतंत्रता और गौरव की रक्षा की। उन्होंने कहा कि भारत माता के वीर सपूतों के बलिदान का ऋण चुकाया नहीं जा सकता उनकी वीरता के कारण ही देश सुरक्षित और समृद्ध है।

राज्यपाल ने कहा कि सैनिक का जीवन केवल वर्दी तक सीमित नहीं होता,बल्कि वह अनुशासन,त्याग और समर्पण की जीवित प्रतिमूर्ति होता है। उन्होंने कहा कि सैनिक जब सीमा पर खड़ा होता है,तो उसके मन में केवल ‘राष्ट्र प्रथम’का ही भाव होता है। उसकी प्राथमिकता मातृभूमि की रक्षा होती है,यही भावना राष्ट्र को सुरक्षित रखती है। राज्यपाल ने कहा कि जब तक सैनिक सीमा पर डटे हैं,तब तक देशवासी निश्चिंत होकर विकास के पथ पर अग्रसर रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि सैनिक केवल सीमाओं की रक्षा नहीं करते,बल्कि देश की प्रगति और आत्मविश्वास के प्रहरी भी हैं।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह सैनिकों का सम्मान करे,क्योंकि “सैनिकों का सम्मान केवल औपचारिकता नहीं,बल्कि राष्ट्रधर्म है।” राज्यपाल ने कहा कि पूर्व सैनिक राष्ट्र की अमूल्य धरोहर हैं,जो अनुशासन,नेतृत्व और ईमानदारी के प्रतीक हैं। उन्होंने युवाओं के मार्गदर्शन,समाज सेवा,स्वच्छता,पर्यावरण संरक्षण और नशा मुक्ति अभियानों में पूर्व सैनिकों की भूमिका की सराहना की।

राज्यपाल ने राष्ट्रीय सैनिक संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह केवल एक संगठन नहीं,बल्कि एक विचारधारा है जो अनुशासन,साहस और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने “शहीदों की आरती” जैसी पहल को भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायी बताया और कहा कि यह परंपरा समाज में राष्ट्रभक्ति की भावना को और प्रबल करेगी। राज्यपाल ने कहा कि बीते दशक में भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर हुआ है। उन्होंने कहा कि “स्वदेशी केवल आर्थिक स्वतंत्रता नहीं देता,बल्कि यह राष्ट्रीय गौरव की पुनर्स्थापना का प्रतीक है।”

उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे नई तकनीकों,विशेषकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)और स्टार्टअप संस्कृति को अपनाकर देश को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाएं। इस अवसर पर राष्ट्रीय सैनिक संस्था के अध्यक्ष कर्नल टी पी त्यागी (रि.)और अन्य पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में संस्था के सदस्य मौजूद रहे।

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