कानपुर-छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में दीनदयाल शोध केंद्र एवं मिशन शक्ति के संयुक्त तत्वावधान में ‘विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस’ के उपलक्ष्य में आयोजित हुई कार्यशाला

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छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में दीनदयाल शोध केंद्र एवं मिशन शक्ति के संयुक्त तत्वाधान में “विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस” के उपलक्ष्य में कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते गणेश शंकर चिकित्सा महाविद्यालय के स्त्री प्रसूति रोग विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो.मीरा अग्निहोत्री ने कहाकि माहवारी महिलाओं में कोई बीमारी या समस्या नहीं है,बल्कि ये एक ऐसी शक्ति है जिसके कारण ही महिलाएं एक नया जीवन को जन्म देने में सक्षम होती है। महावारी के दौरान स्वच्छता तथा खान-पान का विशेष ध्यान रखने की आवश्कता होती है। उचित तरीके से सेनेट्री पैड्स का इस्तेमाल कर तुरंत साबुन से हाथ धोने चाहिए। इस के साथ ही इस्तेमाल किए हुए सेनेट्री पैड्स को पेपेर में लपेट कर कूड़ेदान में ही डालना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ऐसे दिनों में भुजंगासन,शलभासन,सर्वांगासन जैसी योग मुद्राएं करना लाभप्रद रहता है। कार्यशाला में पीरियड्स के समय सेनेट्री पैड्स, टैम्पोन तथा मेंस्ट्रुअल कप इस्तेमाल करने पर भी जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि आमतौर पर पीरिड्स 3-8 दिन तक होते है और इस दौरान लगभग 30मि.ली(ml) ब्लड बॉडी से निकलता है।

कार्यक्रम में फिक्की फ्लो(FICCI FLO) की चेयरपर्सन पूजा गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मासिक स्वच्छता से संबंधित मिथ्या को समाप्त किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होने छात्राओं को समाज में निकलकर कम से कम एक महिला को जागरुक करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस चर्चा में फिक्की फ्लो की प्रतिनिधि स्नेहा गुप्ता ने महिलाओं को शक्तिशाली बताते हुए कहा कि माहवारी के समय यदि कोई भी समस्या महसूस होती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। कार्यशाला की संयोजिका ड़ॉ.अनुराधा कालानी ने बताया कि फिक्की फ्लो की तरफ से वि.वि. परिसर के सरस्वती छात्रावास में प्रयुक्त पैड निवारक मशीन(Incineration device) लगाई गई है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ.ऋचा शुक्ला ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन मयूरी सिंह ने किया। कार्यशाला में डॉ.ममता तिवारी,डॉ.रश्मि गौतम,डॉ.पूजा सिंह,डॉ.पुष्पा मेमोरिया तथा डॉ.प्रियंका मौर्या के साथ बड़ी संख्या में छात्राएं मौजूद रही।