मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों,संविधान निर्माताओं और राज्य आन्दोलनकारियों को नमन करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे संविधान निर्माण का एक पर्व है। हमारा यह विशिष्ट संविधान हमारे राष्ट्र का निरंतर मार्गदर्शन करता आ रहा है।
- मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने दी प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें
- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल्द ही समान नागरिक संहिता कानून लागू करने के लिए विधानसभा सत्र बुलाया जायेगा।
- समान नागरिक संहिता के लिए गठित कमेटी की ड्राफ्ट रिपोर्ट जल्द मिलेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस हमारे स्वाधीनता सेनानियों के त्याग एवं बलिदान का स्मरण भी कराता है। यह अवसर हमें देशभक्तों के सपनों को साकार करने और अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने का संकल्प लेने की भी प्रेरणा देता है। संविधान के अंतर्गत ही हम सभी की जिम्मेदारी यह भी है कि हम न्याय,स्वतंत्रता,समानता और भाईचारे के मूलभूत लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता के लिए बनाई गई 5 सदस्यों की कमेटी ने ड्राफ्ट पूरा कर लिया है। ड्राफ्ट मिलते ही जल्दी विधानसभा का सत्र बुलाकर विधानसभा में समान नागरिक संहिता का कानून पूरे उत्तराखण्ड में लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अंत्योदय की भावना के साथ समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों के विकास, कल्याण और उन्नति हेतु संकल्पबद्ध है। जीरो टॉलरेंस आन करप्शन की नीति का अनुसरण कर राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। जनसेवा से संबंधित अधिकांश सेवाएं ऑनलाईन की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मागदर्शन में उत्तराखण्ड को 2025 तक देश के अग्रणी राज्यों के श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार हर क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रही है। उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता के सहयोग से इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए राज्य सरकार पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य की आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हुए 3.56 लाख करोड़ के करारों को धरातल पर उतारने के लिए तेजी से कार्यवाही गतिमान है।
राज्य में निवेश के लिए निवेशकों ने जो उत्साह दिखाया है, आने वाले समय में इससे स्थानीय स्तर पर लोगों के रोजगार के संसाधन तेजी से बढ़ेंगे और पलायन पर भी नियंत्रण होगा। राज्य में धार्मिक पर्यटन के साथ ही पर्यटन की अन्य गतिविधियों पर भी तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। कुमांऊ मण्डल में धार्मिक पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत तेजी से कार्य किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की मातृशक्ति का सम्मान भी हमारे लिए सर्वोपरि है। राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्राविधान किया है। राज्य में महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत राज्य की 1.25 लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देने का आह्वान किया।
गणतंत्र दिवस पर राज्य के छात्र छात्राओं को दी विशेष बधाई
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गणतंत्र दिवस पर राज्य के छात्र छात्राओं को विशेष बधाई देते हुए कहा है कि “75 वां गणतंत्र दिवस पूरे राष्ट्र में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। मैं इस पुनीत अवसर पर प्रदेश के समस्त नागरिकों के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं समस्त कर्मचारियो का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ। मैं उन स्वतंत्रता सेनानियों को हृदय से नमन करता हूँ जिन्होने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया था।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा जन-जन तक शिक्षा को पहुँचाने के लिए कई योजनाएँ चलाई गई है। शिक्षा में समुदाय की सहभागिता को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए हर विद्यालय में विद्यालय प्रबंधन समिति का गठन किया गया है। विकासखण्ड,संकुल स्तर पर समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
आमजन को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए 141 राजकीय विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में विकसित करने हेतु भारत सरकार की पी०एम० श्री स्कूल योजना से जोड़ा गया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अपवंचित एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा ग्रहण करने के अवसर प्रदान किए गए है। इसके लिए 94,000 से अधिक बच्चों को उनको इच्छा के अनुसार निजी विद्यालयों में निःशुल्क अध्ययन सुविधा दी गई है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में शासकीय, आवासीय एवं राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम को लागू करने वाले मदरसों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें एवं अनुसूचित जाति, जनजाति तथा बी०पी०एल० परिवारों के बच्चों को निःशुल्क गणवेश उपलब्ध कराई गई है। आगामी वर्ष में भी इन वर्गों के बच्चों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जानी प्रस्तावित है। विभिन्न छात्रवृत्तियों जैसे मुख्यमंत्री प्रोत्साहन,राष्ट्रीय साधन सहयोग्यता,डॉ.शिवानंद नौटियाल,श्रीदेव सुमन के माध्यम से विद्यार्थियों की प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में निहित मंशा के अनुरूप अतीत की गौरवशाली विरासत से बच्चों को जोड़ने के लिए ‘हमारी विरासत,हमारी विभूतियां’ नाम से पाठ्य पुस्तके तैयार की जा रही है। स्थानीय लोकभाषाओं पर आधारित पाठ्य पुस्तकों को बनाने का कार्य भी गतिमान है, जिससे हमारे नौनिहाल अपनी सांस्कृतिक समृद्धि से परिचित हो सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं को ध्यान में रखते हुए बालवाटिका कक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रयास किए गए है। बच्चों में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे है।
विद्याथियों के व्यक्तिगत,शैक्षिक और करियर के क्षेत्र में मार्गदर्शन के लिए बालसखा कार्यक्रम चलाया गया है। विद्यालय स्तर पर ‘हमारी समस्या हमारा समाधान पेटिका’ के माध्यम से बच्चों की समस्याओं का समाधान किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों,शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से अपेक्षा की कि विद्यार्थियों के लाभ के लिए चलाई जा रही योजनाओं के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में अपनी भूमिका का निर्वहन करें। भारतीय संस्कृति में वर्णित गुरू की गरिमा के अनुरूप शिक्षक,विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्पित हो।