राज्यसभा सांसद और प्रदेश उपाध्यक्ष कल्पना सैनी ने खड़गे की बेचारगी पर सवाल किया कि क्यों अध्यक्ष रहते वे अपनी पार्टी में संविधान,आरक्षण और अपने ही समाज के लोगों को न्याय दिलाने में अक्षम हैं। साथ ही तंज किया कि सिखों की स्थिति को लेकर दुर्भावनापूर्ण बयान देने से पहले वे एकबार पूर्व पीएम सरदार मनमोहन सिंह से पूछ लेते तो इतनी शर्मिंदगी नही उठानी पड़ती।
बलवीर रोड स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने आरक्षण संविधान और दलित सम्मान को लेकर कांग्रेस की नीति और कारगुजारियों का पर्दाफाश किया। उन्होंने सीधे-सीधे आरोप लगाते हुए कहा,जो लोग लोकसभा चुनाव में संविधान की किताब लेकर झूठे आरोप लगाते थे वही आज बड़ी बेशर्मी से आरक्षण समाप्त करने की बात कर रहे हैं।
उन्होंने राहुल गांधी के अमेरिका दौरे पर दिए बयान का हवाला देते हुए कहा एक जिम्मेदार नेता प्रतिपक्ष का आरक्षण और संविधान पर की गई टिप्पणी बेहद निंदनीय एवं अक्षमीय है। बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने अपने बयान में साफ-साफ कहा कि समय आने पर वह आरक्षण समाप्त करने पर विचार करेंगे। मात्र कांग्रेस के नेता ही नहीं बतौर नेता प्रतिपक्ष भी उनके इस तरह के बयान देश की गरिमा गिराने और भारतीय समाज के अपमान को दर्शाता है।
उन्होंने कांग्रेस को गिरगिट की तरह रंग बदलने वाली पार्टी बताया जो चुनावी लाभ के लिए संविधान और आरक्षण की बात करती है और हमेशा सत्ता में रहते अपनी नीतियों से इसका विरोध करती है। नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी,राजीव गांधी, मनमोहन सिंह सभी सरकारों में लगातार समाज के तमाम पिछड़े वर्गों की क्षमता को कमतर आंकने और उनके अधिकारों को समाप्त करने के प्रयास किए गए हैं।
उन्होंने राहुल गांधी का सिख धर्म की छवि खराब करने की दृष्टि से दिए गए बयान को देश विरोधी बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि वे सिख धर्म की परंपरा पालन को लेकर झूठे आरोप तब लग रहे हैं जब कांग्रेस पार्टी के हाथ 1984 दंगों में हजारों सिखों के खून से रंगे हुए हैं। उन्होंने तंज किया कि बयान देने से पहले वह अपने पूर्व पीएम सरदार मनमोहन सिंह जी से ही पूछ लेते तो शायद देशवासियों को उनके बयान से शर्मिंदगी नही उठानी पड़ती।
उन्होंने कांग्रेस नेताओं की आरक्षण के प्रति सोच को उजागर करने के बाद,कांग्रेस पार्टी में दलितों एवं ओबीसी की स्थिति को चिंतनीय बताया। वहीं हरियाणा में कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री एवं लोकसभा सांसद कुमारी शैलजा के साथ उनकी ही पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं द्वारा किए दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा की।
उन्होंने हैरानी और अफसोस जताते हुए कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ऐसी क्या मजबूरी है कि वह अपनी ही पार्टी में अपने ही समाज के नेताओं के सम्मान की रक्षा भी नहीं कर पाते हैं। विदेश जाकर राहुल आरक्षण एवं संविधान समाप्त करने की बात करते हैं और देश में उनके नेता कुमारी शैलजा जैसी महिला एवं दलित नेता को राजनीति में आगे बढ़ने से रोकते हैं और सार्वजनिक अपमान करते हैं।
कांग्रेस पार्टी का तो इतिहास ही अपने ही बड़े से बड़े दलित नेताओं के मान मर्दन का रहा है चाहे बाबा साहब अंबेडकर की बात करें,चाहे बाबू जगजीवन राम की,चाहे सीताराम केसरी। हालांकि उत्तराखंड की परिपेक्ष में तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि शैलजा यहां कांग्रेस की प्रभारी भी हैं। लेकिन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि यहां कांग्रेस का कोई भी स्थानीय नेता अपने प्रभारी के अपमान पर कुछ नहीं बोलता है। रोजाना मातृ शक्ति और दलितों के नाम पर झूठे आरोप लगाने वाले कांग्रेसियों की जुबान क्यों इस मुद्दे पर सिली हुई है ।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा आने की कांग्रेस नेताओं से इस पूरे घटनाक्रम पर आवाज उठाने की उम्मीद करना बेमानी है लेकिन पीएम मोदी और भारतीय जनता पार्टी पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि उनके रहते,आरक्षण संविधान और दलितों के सम्मान पर किसी भी तरह की आंच नहीं आने दी जाएगी ।
पत्रकार वार्ता के दौरान प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ओबीसी मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष राकेश गिरी,सह मीडिया प्रभारी राजेंद्र नेगी,राकेश कंबोज,राजवीर समेत मोर्चे के पदाधिकारी मौजूद रहे।