उत्तराखंड विधानसभा चुनाव-टिकट बंटवारे के बाद भाजपा ने दिया पार्टी कार्यकर्तां और प्रत्याशियों को कड़ा संदेश

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उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के चुनाव के लिए भाजपा ने गुरूवार को 59 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इस भारतीय जनता पार्टी ने अपने 10 वर्तमान विधायकों के टिकट काटे है। इससे भाजपा ने पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रत्याशियों को संदेश देने की कोशिश की हैं कि टिकट बंटवारे में भी एक परिवार एक टिकट को पार्टी ने तवज्जो दी है। जिसे काशीपुर,खानपुर,देहरादून केंट और चकराता में पार्टी परिवार वाद को खत्म करने की एक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

भारतीय जनता पार्टी ने इस बार परिवार की लीक को तोड़ने की पहल जरूर की है। इससे पहले परिवार वाद के परिपेक्ष में डाक्टर हरक सिंह रावत को पहले ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इस क्रम में खानपुर में वर्तमान विधायक का टिकट काट उनकी पत्नी को उम्मीदवार बनाया गया है। इसी तरह देहरादून केंट में सविता कपूर को टिकट देकर,पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेताओं को ऊ एक तरह से दरकिनार किया गया है।  काशीपुर से पिता का टिकट काट बेटे को टिकट दिया गया है।

चकराता से  मधु चौहान को टिकन नहीं दिया है। क्योंकि उनके पत्ती मुन्ना सिंह चौहन को विकासनगर से टिकट दिया गया है। जिन 10 विधायकों के टिकट काटे गए है। उनमें थराली से मुन्नी देवी के स्थान पर भूपाल राम टम्टा को टिकट दिया गया है। कर्णप्रयाग से सुरेंद्र नेगी के स्थान पर अनिल नौटियाल,खानपुर से कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की जगह उनकी पत्नी कुंवर रानी देवयानी,यमकेश्वर से ऋतु खंडूड़ी की जगह रेणु बिष्ट,पौड़ी से मुकेश कोली की जगह राजकुमार पोरी,गंगोलीहाट से मीना गंगोला की जगह फकीर राम टम्टा,काशीपुर से हरभजन सिंह चीमा की जगह उनके पुत्र त्रिलोकसिंह चीमा,द्वाराहाट से महेश नेगी की जगह अनिल शाही,अल्मोड़ा से रघुनाथ चौहान की जगह कैलाश शर्मा और कपकोट से बलवंत भौर्याल की जगह सुरेश गड़िया को टिकट दिया गया है।