उत्तराखंड विधानसभा चुनाव-आखिरकार एक बार फिर अपने घर लौटे हरक सिंह रावत,कहा सोनिया गांधी का यह एहसान कभी नहीं भूलूंगा

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वर्ष 2016 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले 10 कांग्रेस विधायकों में शामिल हरक सिंह रावत को शुक्रवार को तमाम विरोध और हो हल्ला के बाद कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिला ही दी। इसी के साथ एक बार फिर से हरक सिंह रावत की कांग्रेस में घर वापसी हो गई है। जिसके बाद हरक रावत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का आभार प्रकट करते हुए कहा की मैं सोनिया गांधी का यह एहसान कभी नहीं भूलंगा।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह सहित कांग्रेस कई नेताओं की मौजूदगी में हरक सिंह रावत ने अपनी बहू अनुकृति गोसांईं के साथ शुक्रवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया है। जिसके बाद उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा की मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि बीजेपी उनके साथ इस तरह का बर्ताव करेगी,उन्हें इस तरह से निष्कासित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब मैं बीजेपी में था तो अमित शाह ने कहा था कि हमारी दोस्ती बहुत मजबूत हैं,जो अंतिम समय तक रहेगी। लेकिन मैंने यह दोस्ती नहीं तोड़ी पार्टी ने मुझे छोड़ दिया।
हरक सिंह रावत ने कहा कि मैंने बीजेपी के सामने स्पष्ट बात रखी थी कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता हूं। लेकिन मेरी बहू अनुकृति को चुनाव लड़वा दें। उस समय प्रहलाद जोशी ने कहा कि हम इस पर विचार करेंगे। उसके बाद क्या हुआ,यह आप सब के सामने है।  

बताया जा रहा हैं कि हरक सिंह रावत की कांग्रेस में वापसी बहुत मुश्किल थी। लेकिन अंतिम समय में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने हरक सिंह रावत और उनकी बहू अनुकृति गुसाई को कांग्रेस में शामिल करने की अनुमति दी। जिसके बाद 5 दिन के इंतजार के बाद हरक सिंह रावत को कांग्रेस में एंट्री मिल पाई और अब उन्हें लैंसडाउन से कांग्रेस अपना प्रत्याशी बना सकती है।