आम बजट को लेकर देश में बजट को लेकर आम लोगों,व्यापारियों औऱ अर्थशास्त्रियों की प्रतिक्रिया आ रही है। इस बजट से जहां कई लोग खुश हैं,तो कई लोग मायूस नजर आ रहे हैं। बजट में सात लाख तक कोई टैक्स नहीं देने की घोषण पर लोगों ने कहा कि इससे आम लोगों को राहत मिलेगा। लेकिन उत्तराखंड को आम बजट में कुछ हासिल नहीं हुआ। इससे लोगों के साथ-साथ विपक्षी दलों ने भी निराशा व्यक्त की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम बजट को लेकर कहा है कि अमृत काल का यह पहला बजट विकसित भारत को पूरा करने के लिए मजबूती देने का कार्य करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें गांव,गरीब और किसानों का ध्यान रखा गया। इस बजट में मिडिल क्लास का भी खास ध्यान रखा गया ह। प्रधानमंत्री ने कहा,इस बजट से विकसित भारत का सपना पूरा होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय बजट 2023 -24 हेतु केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। 2014 से सरकार के प्रयासों से प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है। इन 9 वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ी है।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी ने प्रधानमंत्री जी के सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर बजट पेश किया है। समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता,बुनियादी ढांचे और निवेश,क्षमता विस्तार,हरित विकास,युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र को समर्पित ये बजट,अमृत काल के विजन को बताता है। यह अमृत काल का पहला बजट है। इस बजट में किसान, मध्य वर्ग, महिला से लेकर समाज के सभी वर्गो के विकास की रूपरेखा है।
केन्द्रीय बजट 2023-24 देश के समावेशी विकास और आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने वाला है। बजट में खाद्य और पोषण सुरक्षा को सुनिश्चित रखते हुए अगले 1 वर्ष तक सभी प्राथमिकता वाले परिवारों को मुफ्त अनाज की आपूर्ति का निर्णय अत्यन्त सराहनीय है। बजट में राज्यों को 50 साल का ब्याज मुक्त कर्ज एक और साल के लिए बढ़ाया गया है। ये केंद्र की टीम इंडिया की भावना को बताता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि कोष बनाया जाएगा। अगले 3 वर्षों में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सहायता मिलेगी। पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि कर्ज लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा। इससे देश के साथ ही उत्तराखंड राज्य के किसानों,बागवानों,पशुपालको और मत्स्य पालकों को भी लाभ मिलेगा।
जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएम पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा। राज्यों की सक्रिय भागीदारी,सरकारी और सार्वजनिक पार्टनरशिप के साथ मिशन मोड पर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार किया जाएगा। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के लिए पर्यटन का महत्व बहुत अधिक है। निश्चित रूप बजट में पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए की जा रही पहल प्रदेश में पर्यटन विकास में काफी सहायक सिद्ध होगी। वाइब्रेंट विलेज के माध्यम से सीमावर्ती गांवों के विकास पर फोकस किया जायेगा। इससे राज्य के सीमावर्ती गांवों को भी लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि बजट में नया टैक्स स्लैब लाया गया है। इससे मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा को काफी राहत मिलेगी। आयकर छूट का दायरा बढ़ाया गया। यह बजट हमारे वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए भी खास रहा है। वरिष्ठ नागरिक खाता स्कीम की सीमा अब 4.5 लाख से बढ़कर 9 लाख की जाएगी। महिलाओं के लिए नई बचत योजना की घोषणा की गई है। इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। बजट में जहां गरीबों,मध्यम वर्ग,महिलाओं,युवाओं,उद्यमियों,किसानों,शिल्पकारों, वरिष्ठ नागरिकों सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है,वही इकोनॉमी की मजबूती और रक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कुल मिलाकर कहा जाए तो यह बजट सच्चे मायनों में अमृत काल का बजट है। युवाओं, महिलाओं,किसानों,गरीबों,मध्यम वर्ग का बजट है। आशा ही नहीं,पूर्ण विश्वास है कि उत्तराखण्ड राज्य तथा प्रदेशवासी बजट से पूर्णतः लाभान्वित होंगे।
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया मंहगाई और बेरोजगारी बढ़ाने वाला बजट
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने केन्द्र की मोदी सरकार के आम बजट को दिशाहीन,प्रतिगामी,विकास अवरोधी तथा आम आदमी के हितों के खिलाफ मंहगाई और बेरोजगारी बढ़ाने वाला बजट बताया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने केन्द्रीय आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने अपनी हठधर्मिता का परिचय देते हुए जो बजट प्रस्तुत किया है,वह दिशाहीन,प्रतिगामी,विकास विरोधी,मंहगाई व बेरोजगारी बढ़ाने वाला तथा देश की आर्थिक वृद्धि पर चोट पहुंचाने वाला बजट है। देश के वित्त मंत्री ने बजट में आंकडों की बाजीगरी कर घुमाकर नाक पकड़ने का काम किया है। कोरी घोषणाओं व जुमलेबाजी वाले बजट में वित्तीय प्रबन्धन का नितांत अभाव है तथा इस बजट से मंहगाई व बेरोजगारी बढ़ने के साथ ही आम आदमी के सिर पर मंहगाई का बोझ बढेगा।
उन्होंने कहा कि वित मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट के प्रावधानों से खस्ताहाल अर्थव्यवस्था में विकास दर दहाई का आंकडा भी नहीं छू पायेगी और न ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। केन्द्र सरकार द्वारा कृषकों की आय दोगुनी करने की बात बार-बार की जाती है परन्तु आय दोगुनी करने का कोई प्रावधान बजट में नहीं किया गया है। एक वर्ष के अन्तराल में कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव तथा 2024 के लोकसभा चुनावों को केन्द्र में रखकर गरीब खाद्यान्न योजना में एक साल की वृद्धि मात्र की गई है।
श्री माहरा ने कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत आम बजट में मात्र कोरी घोषणाओं का अंबार लगाया गया है,लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए पैसा कहां से आएगा इसका कोई उल्लेख नहीं है। बजट में आम जनता को महंगाई से निजात दिलाने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। आम बजट में नौजवानों के भविष्य की घोर उपेक्षा की गई है इस बजट से देश में रोजगार के अवसर घटेंगे, किसान,गरीब व आम आदमी के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है। मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में की गई नोटबंदी और जीएसटी से देश में कई हजार लघु उद्योग बन्द हो गये थे,रीयल स्टेट सेक्टर में काम पूरी तरह से ठप्प हुआ तथा किसानो को उनकी उत्पाद लागत न मिलने के कारण कृषि क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर न्यूनतम हुए हैं।
उन्होंने कहा इन तीनों क्षेत्र में लगभग 7.50 करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हुए तथा कोरोना महामारी के कारण देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी का अनुपात बढा है। वित मंत्री ने अपने इस बजट में किसानों की आय बढ़ाकर दोगुनी करने की बात तो की है परन्तु इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। नये रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कोरी घोषणायें मात्र हैं तथा बजट में कोई प्रावधान नहीं किया और कोरोना महामारी के बाद बेरोजगार हुए करोड़ों लोगों की पुर्नबहाली की बात पर भी सरकार मौन है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने केन्द्र सरकार के आम बजट को पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाला बजट बताया है। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स छूट के स्लैबों मे की गई बढ़ोत्तरी ऊंट के मुंह में जीरे के समान हे। महिलाओं,किसानों,बेरोजगार नौजवानों के लिए इस बजट में कोई विशेष प्रावधान नजर नहीं आता है। मनरेगा,गरीब ग्रामीण श्रम, रोजगार और महंगाई का बजट में कोई जिक्र नहीं है। रोजगार के सृजन तथा महिलाओं के सशक्तिकरण एवं सम्मान की बात केवल मोदी सरकार की लच्छेदार भाषणों का हिस्सा मात्र है। किसानों की आय दुगनी करने की कोरी घोषणायें हास्यास्पद है जो आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे किसानों को बरगलाने जैसी हैं,उनके लिए बजट में किसी प्रकार की बडी राहत नहीं दी गई है।
करन माहरा ने कहा कि आम बजट में उत्तराखण्ड को खाली हाथ छोड़ दिया गया है। आपदा पीड़ित राज्य होने के बावजूद उत्तराखण्ड राज्य की आपदा के लिए बजट में कोई भी प्रावधान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ जैसी आपदा की स्थिति के लिए यदि सस्ती एयर सर्विस के लिए प्रावधान किया जाता तो निश्चित रूप से इसका लाभ आपदाग्रस्त क्षेत्र के लोगों को मिलता,परन्तु केन्द्र सरकार ने अपने बजट में उत्तराखण्ड जैसे आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य को रेल कनेक्टिविटी और एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए कुछ भी नहीं दिया है।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी ने भी आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट में नया कुछ भी नहीं है। टैक्स स्लैबों में बदलाव न के बराबर है। महिला,युवा,बेरोजगार,किसान,मजदूर के लिए बजट में कोई राहत नहीं दी गई है। कुल मिलाकर आम बजट में अपने उद्योगपति दोस्तों का हित साधन कर आम आदमी की उपेक्षा की गई है।