उच्च शिक्षा एवं सहकारिता राज्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने राजकीय पॉलिटैक्निक गैरसैंण में रोजगार, उद्यमिता विकास एवं नवाचार (सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस इन इम्पलाइमेंट) का उद्घाटन किया। सेन्टर ऑफ एक्सीलेस के माध्यम से राज्य सरकार का प्रयास उद्यमिता को बढ़ावा देना तथा स्थानीय उत्पादों में वेल्यू एडिशन कर उन्हें बाजार उपलब्ध कराना है। जिससे युवा स्थानीय स्तर पर ही उद्यम स्थापित कर सके, जो कि पलायन को रोकने में अहम भूमिका निभायेगा।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की उपस्थिति में सेन्टर ऑफ एक्सीलेस एवं कृषि, खाद्य प्रसंस्करण ब्यूटी एण्ड वैलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल के साथ एमओयू हुआ। साथ ही राज्य के स्थानीय युवाओं को ट्रैकिंग के क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों से जोडने हेतु पर्यटन के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्था इंडिया हाइक्स के साथ भी एम0ओ0यू0 किया गया। उच्च शिक्षा एवं सहकारिता राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सभी को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते कहा कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की गैरसैंण में अच्छी शुरूआत हुई है। कृषि, खाद्य प्रसंस्करण ब्यूटी एण्ड वेलनेस तथा पर्यटन के क्षेत्र में उद्यमिता विकास हेतु राज्य में पर्याप्त संसाधन व अपार सम्भावनाये है। यहां से स्वयं सहायता समूहों की आर्थिकी में वृद्धि करने के लिए अनेक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गैरसैंण के लिए अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये हैं, जिसमें गैरसैंण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाना एवं गैरासैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी परिक्षेत्र के लिए सुनियोजित विकास के लिए प्लानिंग शामिल है। राज्य में मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना लाई जा रही है। इसके लिए इस बार के बजट में 25 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है। इस योजना के तहत बहुत सस्ते दरों पर पशुचारा देने की व्यवस्था की जा रही है। जो किसान घास उगायेंगे, उन्हें इस योजना के तहत प्रति एकड़ 72 हजार रूपये दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए 50 प्रतिशत डिस्काउंट पर 10 हजार दुधारू गायें दी जा रही हैं। दुग्ध उत्पादक जो दूध डेयरी को उपलब्ध करायेंगे, उस पर 04 रूपये प्रति लीटर बोनस दिया जा रहा है।
परियोजना निदेशक कौशल विकास डॉ. आर.राजेश कुमार ने कहा कि अभी डेयरी के क्षेत्र में कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके बाद इस केन्द्र में जैविक खेती, खाद्य प्रसंस्करण के प्रशिक्षण संचालित किये जायेंगे। इस केन्द्र में प्रशिक्षण के साथ-साथ प्रोडक्शन सेन्टर भी संचालित किया जायेगा। जो कि उद्यमियों के उत्पादों को मंच भी प्रदान करेगा। यह सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस राज्य में उद्यमिता विकास एवं नवाचार के स्टेट ऑफ द आर्ट केन्द्र के रूप में स्थापित होगा ।
जिलाधिकारी श्रीमती स्वाति एस.भदौरिया ने कहा कि चमोली जनपद में पशुओं की संख्या काफी अधिक है। मुख्यमंत्री घस्यारी योजना से ग्रामीण महिलाओं को पशु चारे के लिए समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन बढने एवं अच्छी मार्केटिंग की व्यवस्था होने से इस क्षेत्र में लोगों के आर्थिकी में सुधार लाने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर विधायक महेन्द्र प्रसाद भट्ट, उपाध्यक्ष ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग डॉ.एस. एस.नेगी, मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, उत्तराखण्ड चाय बोर्ड के उपाध्यक्ष गोवन्द पिलख्वाल, चमोली के जिलाध्यक्ष भाजपा रधुवीर सिंह बिष्ट,एस.पी चमोली यशवंत सिंह चैहान एवं मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे उपस्थित थे।