भाई दूज 27 अक्टूबर को शीतकाल के लिए भगवान केदारनाथ धाम के कपाट सुबह 8:30 बजे बंद हो गए है। जिसके बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए प्रस्थान हुई। आज यानि शनिवार 29 अक्टूबर को बाबा केदार की पंचमुखी डोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ इस वर्ष श्री केदारनाथ यात्रा का समापन हो जायेगा। अब पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेगी।
भगवान केदारनाथ धाम के गर्भगृह को स्वर्णमंडित कर दिया गया है। 550 सोने की परतों से गर्भगृह की दीवारें,जलेरी व छत को नया रूप दिया गया है। एएसआई के दो अधिकारियों की देखरेख में यह कार्य पूरा किया गया। भगवान केदारनाथ धाम के गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने के लिए महाराष्ट्र के एक दान दाता ने बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सहयोग से यह कार्य किया है।
इस बीच भगवान केदारनाथ धाम स्वर्णमंडित गर्भगृह में सोने की परत लगाए जाने के बाद से बदरी-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय का विरोध हो रहा है। जिसकी वजह है उनकी एक फोटो जो उन्होंने स्वर्णमंडित गर्भगृह में खींची है। जिसके बाद से उत्तराखंड कांग्रेस और पुरोहितों में रोष है।
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि यूं तो 11 वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम की मान्यता देश व विदेश के श्रद्धालु में अगाड है। परंतु भाजपा राज में इस धाम में जो परंपराएं हैं। उनको तार-तार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। श्री नेगी ने कहा कि जहां केदारनाथ धाम के गर्भग्रह में किसी भी प्रकार की फोटो खींचना प्रबंधित है। वही बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष द्वारा स्वयं को मंदिर व परंपराओं से ऊपर दिखाने की कोशिश करते हुए खुलेआम गर्भ ग्रह में सोने की परत चढ़ी फोटो को वायरल किया जा रहा है। जो सरासर केदारनाथ की परंपराओं के विपरीत है।
उन्होंने कहा कि भाजपा राज में सरकार में बैठे लोग आंख मूंदकर नजरें फेरे हुए हैं,और धर्म का झूठा चोला ओढ़कर जनता को बेवकूफ बनाते हैं। उन्होंने कहा कि नियम कायदे भाजपा सरकार में सिर्फ जनता पर लागू किए जाते हैं। मगर इनके लोगों को हर क्षेत्र में खुली छूट है चाहे फिर मठ मंदिरों के नाम पर भ्रष्टाचार करने की हो या फिर मंदिरों के लिए बनाई गई परंपराओं को तोड़ने की बात। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में श्री केदारनाथ धाम के लिए बनाई गई गोपनीयता को तार-तार किया जा रहा है। जो करोड़ों हिंदुओं की आस्था के साथ बहुत बड़ा धोखा है। उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल इस प्रकरण पर उच्च स्तरीय जांच करनी चाहिए और और इस प्रकार केदारनाथ के गर्भ गृह की फोटो खींचने वालों पर कठोर कार्रवाई कर गिरफ्तारी करनी चाहिए।
दूसरी तरफ तीर्थ पुरोहितों का कहना हैं कि गर्भगृह की दीवारों और छतों पर सोने की परत चढ़ाने को लेकर तीर्थ-पुरोहितों से कोई राय नहीं ली गई। पुरोहित का कहना हैं कि भगवान केदारनाथ जी के गर्भगृह में जो सोना लगाया गया है,सोना लगाने वाला दानदाता, सरकार,मंदिर समिति ने बड़ी चतुराई से और तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लिए बिना रात को सोना लगा दिया।
इस विरोध के बीच बदरी-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना हैं कि अच्छे काम का हमेशा से विरोध होता है।
आपको बता दें कि मुंबई के एक कारोबारी ने भगवान केदारनाथ जी के धाम को सोने की प्लेट से सजाने का अनुरोध किया था। जिसके बाद कारोबारी ने मंदिर को 230 किलो सोना दान किया। इस सोने से 550 गोल्ड प्लेट का निर्माण कराया गया। इस सोने की प्लेट को दिवाली के दिन भगवान केदारनाथ के धाम पहुंचाया गया था। जिसके बाद तीन दिनों में 19 कारीगरों ने मंदिर के गर्भगृह में सोने की प्लेट से बदल दिया। मंदिर के गर्भगृह की दीवार और छत को सोने की प्लेट से बदला गया है। जिसके बाद बदरी-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मंदिर का निरिक्षण किया और उसी दौरान उन्होंने फोटो खिंचवाई जिसके बाद उनके खिलाफ विरोध हो रहा है।