उत्तराखंड के मुख्यमंत्री दिल्ली दौरे पर है। राज्य के मुखिया का दिल्ली दौरा हमेशा से चर्चाओं में रहता है। यानि राज्य के मुख्यमंत्री का दिल्ली आने का मतलब सत्ता के गलियारों में परिवर्तन की हवा चलने जैसा होता है। राज्य का मुखिया भले ही अपने नीजि कार्य या जन समस्याओं को लेकर या फिर राज्य में विकास की योजनों को लेकर दिल्ली में हों,लेकिन पहाड़ के सूचनातंत्र इस खोज़ में व्यस्त रहते हैं कि दिल्ली में चल क्या रहा है?
बहराल त्रिवेंद्र सिंह रावत का दिल्ली दौरा प्रदेश के विकास और कोरोनाकाल में अपने खेत-खलिहानों में लौटे पहाड़ के नौजवानों की चिंताओं को दूर करने जैसे गंभीर मुद्दे को लेकर है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भेंट कर राज्य से संबंधित मामलों पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण लाखों की संख्या में उत्तराखण्ड के लोग वापस अपने राज्य में आए हैं। राज्य सरकार ने इनके रोजगार के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना सहित अनेक कदम उठाए हैं। कैम्पा में भी 10 हजार लागों को रोजगार देने के लिए योजना बनाई गई है। पर्यावरण और जैव विविधता के संरक्षण में उत्तराखण्ड की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष और वनाग्नि पर प्रभावी रोक लगाने क लिए भी कैम्पा के तहत 2020-21 के लिए 262 करोड़ 49 लाख रूपए की अतिरिक्त धनराशि का प्रस्ताव भारत सरकार के वन मंत्रालय को भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से इस प्रस्ताव की स्वीकृति का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में जंगली जानवरों द्वारा विशेष तौर पर बंदर, सूअर, और मैदानी क्षेत्रों में नील गाय खेती को नुकसान पहुंचाते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों पर लेपर्ड द्वारा हमले की घटनाओं को रोकने और जंगली जानवरों द्वारा खेती को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर स्थापित किए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर को वानिकी गतिविधियों के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मुख्यमंत्री के अनुरोध पर अपनी सैद्धांतिक स्वीकृति दी।
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर एवं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच कैम्पा योजना के तह्त 10 हजार लागों को रोजगार देने और वन्यजीवन रेस्क्यू सेंटर स्थापित किए जाने के संबंध में हुई यह बैठक बहुत ही महत्वपूर्ण रही। उम्मीद हैं केंद्र सरकार इन योजनाओं को स्वीकृति प्रदान कर उत्तराखंड में विकास की परिकल्पना को साकार करने में अह्म भूमिका निभाएगी।