मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया मिशन ड्रग्स फ्री देवभूमि का शुभारम्भ-नशे के कारोबारियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही के दिए निर्देश

0
464

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज जिला कारागार,सुद्धोवाला देहरादून में मिशन ड्रग्स फ्री देवभूमि का शुभारम्भ करते हुए प्रदेशवासियों विशेषकर राज्य के युवाओं का आह्वान किया है कि उत्तराखण्ड सरकार ने देवभूमि उत्तराखण्ड को 2025 तक ड्रग्स फ्री बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प सिद्धि के लिए सरकार के साथ ही समाज,युवाओं,एनजीओ,सेलिब्रिटिज,सफल लोगों व विभिन्न सामाजिक-शैक्षणिक संस्थानों को आगे आना होगा और मिलकर काम करना होगा। सरकार के इस अभियान को महाअभियान बनाना है।

  • मिशन ड्रग्स फ्री देवभूमि को जन अभियान बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने किया प्रदेश के युवाओं का आह्वाहन
  • युवा नशे को दृढ़ता से कहें ना-सीएम
  • नशे के कारोबारियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही के निर्देश
  • जिला कारागार,सुद्धोवाला देहरादून में नवनिर्मित बेकरी यूनिट का शुभारम्भ
  • जिला कारागार,देहरादून में स्किल डैवलपमेन्ट प्रोग्राम हेतु प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना
  • कारागार विभाग में पृथक सुधार सेवा के रूप में करैक्शनल सर्विस विंग का गठन
  • बन्दी कल्याण कोष का गठन किया जाएगा तथा इसके लिए कोष में एकमुश्त धनराशि 01 करोड़ रूपये का प्राविधान
  • बन्दीरक्षक संवर्ग को 01 हजार रूपये का मासिक पौष्टिक आहार भत्ता
  • बन्दी रक्षक संवर्ग को वर्दी भत्ता
  • कारागार विभाग के नाम को परिवर्तित करते हुये “कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा’’ किया गया
  • “बंदी गृह“ का नाम ‘‘बंदी सुधार गृह‘‘
  • सरकार ने जेलों में निरूद्ध आजीवन कारावास के बंदियों की समयपूर्व मुक्ति की पारदर्शी स्थाई नीति बनायी

इस जन अभियान में प्रत्येक उत्तराखण्डवासी का योगदान महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि युवा किसी भी प्रकार के नशे को दृढ़ता से ना कहें तथा अन्य लोगों को भी नशे के दुष्प्रभाव के विषय में जागरूक करें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिला कारागर में नवनिर्मित बेकरी यूनिट का लोकापर्ण किया। उन्होंने जिला कारागार में वेदान्त फाउण्डेशन के सौजन्य से संचालित कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र,कारागार अंलकार प्रदर्शनी,महिला बन्दियों द्वारा हस्तनिर्मित प्रदर्शनी,कारागार में व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र का निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री ने कैदियों से उनकी कुशलक्षेम पूछी तथा उन्हें सकारात्मक सोच अपनाने को कहा। उन्होंने कहा कि आशा है कि जेलों में निर्मित उत्पाद भविष्य में स्थानीय बाजार में भी बिक्री हेतु उपलब्ध होंगे। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कारागार से संचालित दून जेल रेडियो के माध्यम से अपना संदेश दिया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री धामी ने घोषणा की कि  कारागार विभाग के नाम को परिवर्तित करते हुये “कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा’’ किया जाएगा एवं “बंदी गृह“ के स्थान पर ‘‘बंदी सुधार गृह‘‘ किया जाएगा। कारागार विभाग में पृथक सुधार सेवा के रूप में करैक्शनल सर्विस विंग का गठन किया जाना। बन्दी कल्याण कोष का गठन करते हुए कोष में एकमुश्त धनराशि 01 करोड़ रूपये का प्राविधान किया जाएगा। बन्दीरक्षक संवर्ग को मासिक पौष्टिक आहार भत्ता रूपये 01 हजार अनुमन्य किया जाएगा। बन्दी रक्षक संवर्ग को वर्दी भत्ता अनुमन्य किया जाएगा। बन्दी प्रशिक्षण एवं पुनर्वास हेतु  जिला कारागार,देहरादून में स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम हेतु प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना  की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कारागार भी समाज का ही अंग है। कैदी कारागार को पाश्चताप् और सुधार की तपस्थली माने और सकारात्मक सोच के साथ भविष्य में समाज की मुख्यधारा से जुड़कर राष्ट्रनिर्माण मे योगदान का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि सरकार का संकल्प है कि 2025 में जब हम राज्य स्थापना की रजत जयंती मना रहे हों तो हमारा राज्य पूर्ण रूप से नशा मुक्त हो जाए। हम प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी राज्य होंगे। उत्तराखण्ड भी एक भारत श्रेष्ठ भारत के अभियान में अपना अमूल्य योगदान देगा। कारागारों में ड्रग्स के आदी कैदी भी आते है,जिनके रखरखाव,देखभाल कारागार प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती हैं। राज्य के सभी कारागारों में भी ड्रग्स फ्री का अभियान  के बारे में जागरूकता लाई जानी चाहिए। यह सराहनीय है कि ड्रग्स के विरूद्व इसी अभियान के तहत जिला कारागार, देहरादून में सुभारती मेडिकल कॉलेज के सहयोग से ड्रग्स डी एडिक्शन सेन्टर की शुरूआत की जा रही है। हमने नशे के कारोबारियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार ने जेलों में निरूद्ध आजीवन कारावास के बंदियों की समयपूर्व मुक्ति की पारदर्शी स्थाई नीति बनायी है,जिससे 14 साल की सजा पूरी करने पर बन्दी रिहाई का पात्र हो जाएगा। इस नीति के अन्तर्गत इस समय 160 बन्दियों की रिहाई पर विचार किया जा रहा है। कैदी अपने परिजन की मृत्यु होने पर उसके अन्तिम संस्कार से वंचित रहते थे। सरकार द्वारा अन्य राज्यों की अपेक्षा आसान पैरोल व्यवस्था बनायी गई है। सरकार ने बन्दी के परिजन की मृत्यु पर अन्तिम संस्कार हेतु तत्काल 24 घण्टे का पैरोल तथा मृत्यु उपरान्त संस्कारों हेतु 15 दिन के पैरोल की व्यवस्था की है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि सरकार द्वारा बन्दियों के कौशल विकास हेतु कारपेन्ट्री,दरी बुनाई,सिलाई, गमला निर्माण,एल.ई.डी.झालर इत्यादि अनेक व्यवसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है। जेलों में बने निर्मित उत्पादों की आपूर्ति सरकारी कार्यालयों में सुनिश्चित करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर,महानिरीक्षक कारागार विमला गुंज्याल,विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल,सुभारती मेडिकल कॉलेज से डा.प्रशान्त भटनागर,डा.तपस्या राजलक्ष्मी शाह तथा जेल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।