उत्तराखंड कोरोना महामारी के बीच आगामी चारधाम यात्रा स्थगित,तय समय पर खुलेंगे कपाट,कारोबारियों के चेहरे पर छाई मायूसी

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उत्तराखंड में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। कोरोना महामारी के बीच आगामी चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मीडिया को जानकारी दी कि आज गुरुवार को इस संबंध में एक बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में चारधाम यात्रा को लेकर विचार-विमर्श किया गया। जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया हैं कि कोरोना की इस महामारी में चारधाम यात्रा को शुरू नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन चारों धाम के कपाट अपने तय समय पर खुलेंगे

इस बैठक में देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन, अपर सचिव पर्यटन जुगल किशोर पंत, बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, अपर निदेशक विवेक चौहान के अलावा चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों के डीएम व एसपी भी मौजूद रहे। इस दौरान देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ.हरीश गौड़ ने बताया कि मई में शुरू होने वाली चारधाम यात्रा को लेकर सरकार ने यात्रा स्थगित करने का फैसला लिया है। लेकिन चारों धाम के कपाट अपने तय समय पर खुलेंगे और केवल पुजारी और पुरोहित ही धामों में पूजा अर्चना करेंगे। यात्रियों को चारों धामों में जाने की अनुमति नहीं होगी।

आपको बता दें कि उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 2021 मई महीने से शुरू होने जा रही थी। इस  यात्रा में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री की यात्रा की जाती है। इसमें लाखों की संख्या में हर साल श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं। इस साल के लिए पवित्र धार्मिक स्थलों के कपाट खोलने की तारीख तय हो गई है। लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस बार चार धाम यात्रा को स्थगित कर दिया गया है।

चारधाम यात्रा स्थगित होने से यात्रा से जुड़े लोगों के चेहरे पर छायी मायूसी

उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के चलते सरकार लगातार कई कड़े फैसले ले रही है। उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 108 मरीजों की मौत हुई है। जबकि 6054 नए संक्रमित मिले है।  एक्टिव केसों की बात करें तो इसका आंकड़ा 45 हजार पार पहुंच गया है। इस बीच सरकार ने विश्व की सबसे प्रसिद्ध चाराधाम यात्रा को स्तगित कर दिया है। जिसके बाद से चारधाम यात्रा से जुड़े लोगों के चेहरों पर मायूसी छा गई है।

चारधाम यात्रा से जुड़े होटल कारोबारी,वाहन चालक,फूल-माला बनाने वाले व्यवसायी,डंडी-कंडी तथा घोड़ा-खच्चर चलाकर परिवार का पेट पालने वाले मजदूरों कोअब आजीविका की चिंता सता रही है। इनका कहना हैं कि हमारा पूरा व्यवसाय चाराधाम यात्रा पर टिका होता है। पिछली बार भी चाराधाम यात्रा को सीमित रखा गया था और इस बार चाराधाम यात्रा को पूरी तरह से स्थगित कर दिया है। ऐसे में हमारे परिवारों का अब क्या होगा। हम कैसे अपने परिवारों का गुजर-बसर करेंगे। इसको लेकर भी सरकार को सोचना चाहिए।