उत्तराखंड में दिख रहा है चक्रवाती तूफान ताऊते का असर,लगातार हो रही है बारिश,बद्रीनाथ क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही

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चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ देश के तटीय राज्यों में तांडव मचाने के बाद भले जी धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगा हो, लेकिन उत्तराखंड में ताऊते तूफान का असर दिखने लगा है। पिछले कुछ घंटों से उत्तराखंड में हो रही लगातार बारिश ने कई जगह भारी तबाही मचा दी है। गुरुवार को चकराता,उत्तरकाशी,चमोली, नैनीताल सहित देहरादून जिले में बादल फटने से कई जानवरों के बहनने और तीन लोगों मरने की खबर है। उत्तराखंड में ताउते के मद्देनजर गुरुवार को रेड अलर्ट जारी किया गया है।

लामबगड़ में बदरीनाथ हाईवे पर ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई है। ग्लेशियर के बह कर आने से बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग लामबगड के पास लगभग 50 मीटर  क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे इस क्षेत्र में आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है। राष्ट्रीय मार्ग कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। बदरीनाथ हाईवे में लामबगड़ नाला उफना गया है। इसी के साथ बेना कुली हनुमान चट्टी के बीच रडांग बेंड में मलवा आने के कारण बंद हो गया है। बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी बारिश के चलते मुश्किलें बढ़ने लगी है। बीआरओ द्वारा राष्ट्रीय मार्ग को खोलने का काम जारी है।

यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 94 में किसाला पुल के पास ऑल वेदर रोड के चौड़ी करण काम के चलते  पहाड़ी दरकने से यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी  बाधित हो गया साथ  ही आधा दर्जन मकानों को खतरा पैदा हो गया है। पहाड़ी क्षेत्रों में अतिवृष्टि के चलते नदी-नाले उफान पर है।बदरीनाथ,केदारनाथ धाम सहित हेमकुंड साहिब ही की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी के चलते उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदलने से ठंड बढ़ गई है।

उत्तराखंड में कई स्थानों से अतिवृष्टि और भूस्खलन की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह   रावत ने संबंधित जिलाधिकारियों को फोन कर प्रभावितों तक तुरंत सहायता पहुंचाने तथा घायलों के समुचित इलाज और बेघर लोगों के भोजन व रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश  दिए। साथ ही अधिकारियों को नुकसान का आकलन करते हुए प्रभावितों को अविलंब अनुमन्य सहायता राशि उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए हैं। किसानों कि फसलों को हुए नुक़सान का आँकलन कर शीघ्र मुआवज़ा देने के लिए भी ज़िलाधिकारियों को निर्देशित किया।


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं में प्रभावित लोगों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने और राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य प्रमुख मार्गों पर आवागमन सुचारू करने के लिए राज्य सरकार समुचित प्रबंध कर रही है। उन्होंने बताया कि विभिन्न स्थानों पर अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी मिलते ही राजस्व पुलिस, पुलिस, प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच कर राहत एवं बचाव कार्यों में जुट गई है। इस बीच पंतनगर विवि के मौसम विज्ञानियों का कहना है कि  बंगाल में जो चक्रवात उठा है। उसकी भी नमी का असर उत्तराखंड में देखा जा रहा है।  जिसकी वजह से उत्तराखंड में 21 मई तक बारिश रहने की संभावना है।