उत्तराखंड की बेटी किरन नेगी के हत्यारों को मिले फांसी की सजा,उत्तराखंड के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने की सुप्रीम कोर्ट से मांग

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उत्तराखंड की बेटी किरन नेगी के हत्यारों को फांसी दिलाने की मांग को लेकर शुक्रवार को दिल्ली के गढ़वाल भवन में उत्तराखंड के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने बैठक की,जिसमें एक स्वर में उत्तराखंड की बेटी किरन नेगी के साथ जिन दरिन्दों ने गैंगरेप किया और हैवानियत की सारी हदें पार की, इन दरिंदों को सुप्रीम कोर्ट से फांसी की सजा देने की मांग की गई।

बैठक में शामिल उत्तराखंड के विभिन्न संगठनों एवं किरन नेगी के परिजनों ने एक मत में कहा कि हमें सर्वोच्च न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट का न्याय हमारे हक में होगा और हमारी बेटी को न्याय मिलेगा।

इस मौके पर दिल्ली मयूर विहार भाजपा जिलाध्यक्ष डा.विनोद बछेती ने कहा कि आज पूरे उत्तराखंड का जनमानस सुप्रीट कोर्ट ने निर्णय का इंतजार कर रहा है। हमें उम्मीद हैं कि पहाड़ की बेटी किरन नेगी के हत्यारों को जिस तरह से हाई कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। उसी फैसले को बरकार रखते हुए,माननीय सर्वोच्च न्यायालय भी इन दरिन्दों को फांसी की सजा सुनाएगा।

श्री बछेती ने कहा कि तमाम माध्यमों से सूचना मिल रही है कि किरन नेगी के हत्यारे फांसी से बचने के  लिए तमाम हथकंडे अपना रहे है। इन दरिन्दों द्वारा कोशिश की जा रही है कि इनकी फांसी की सजा आजीवन कारावास तब्दील हो जाए। उन्होंने उत्तराखंड के तमाम सामाजिक संगठनों और लोगों से अपील की पहाड़ की बेटी किरन नेगी के हत्यारों की इस साज़िश को हम कामियाब नहीं होने देगें।

डॉक्टर बछेती ने पहाड़ के जनमानस से अपील की कि आप सभी लोग एक जुट एक मुट होकर उत्तराखंड की बेटी किरन नेगी के हत्यारों को फांसी की सज़ा दिलाने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय से मांग करें। उन्होंने कहा कि दरिंदों ने जो बर्बरता किरन नेगी के साथ की फिर कोई ऐसी हिमाकत न करें,इसके लिए जरूरी है कि किरन नेगी के दोषियों को हर हाल में फांसी दी जाए। उनकी इस अपील का बैठक में उपस्थित सभी सामाजिक संगठनों ने समर्थन किया और एक मत से दोषियों को फांसी की सज़ा देने की मांग की। 

आपको बता दें कि उत्तराखंड की बेटी किरण नेगी 9 फरवरी 2012 को गुड़गांव स्थित कंपनी से काम कर अपनी तीन सहेलियों के साथ रात करीब 8:30 बजे नजफगढ़,छावला कला कॉलोनी पहुंची थी कि तभी कार में सवार तीन वहशी दरिंदों ने तीनों लड़कियों से बदतमीजी करनी शुरू कर दी,जैसे ही तीनों लड़कियां वहां से भागने लगी,उसी दौरान दरिन्दों ने उसे जबरन कार में बिठाकर और उसका सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसके कानों में तेजाब डालकर सारी हदें पार कर उसकी लाश को हरियाणा के खेतों में फेंक दिया था।

इसकी सूचना किरन नेगी की सहेलियों ने पुलिस व उसके घर वालों को दी, लेकिन पुलिस ने इस पर जो कार्यवाही की वो जग जहीर है। जिसके बाद उत्तराखंड समाज के लोगों ने सड़कों पर निकल कर इस घटना का जबरदस्त विरोध किया, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई। जिसके बाद द्वारका कोर्ट ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई और हाई कोर्ट ने फांसी की सजा बरकार रखा।

अब इस मामले सर्वोच्च न्यायालय अपना फैसला सुनाने जा रहा है। जिसको लेकर उत्तराखंड के तमाम सामाजिक संगठनों एवं किरन नेगी के परिजनों ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय से मांग की हैं कि उत्तराखंड के बेटी किरन नेगी के हत्यारों,दरिन्दों को फांसी सज़ा दी जाएं।