पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा का एम्‍स ऋषिकेश में निधन,प्रधानमंत्री समेत कई प्रबुद्धजनों ने दी श्रद्धांजलि

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चिपको आंदोलन के प्रणेता सुन्दरलाल बहुगुणा का एम्स ऋषिकेश में निधन हो गया है। सुंदरलाल बहुगुणा को 9 मई को कोरोना संक्रमण के चलते अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। जहां उनका ईलाज चल रहा था। जहां 94 वर्षीय सुंदरलाल बहुगुणा ने अंतमि सांस ली।

सुंदर लाल बहुगुणा का जन्म 9 जनवरी 1927 को उत्तराखंड के टिहरी में हुआ था। यहीं उनकी प्राथमिक शिक्षा हुई और 18 साल की उम्र में आगे की पढ़ाई के लिए लाहौर चले गए। वहां से लौटने के बाद 23 साल की उम्र में उनका विवाह विमला देवी के साथ हुआ। जिसके बाद उन्होंने गांव में ही रहने का फैसला किया। इसी दौरान बहुगणा ने टिहरी के आसपास के इलाके में शराब के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन शुरू किया। इसी के साथ 1960 के दशक में उन्होंने अपना ध्यान वन और पेड़ की सुरक्षा पर केंद्रित किया और 1970 में पर्यावरण सुरक्षा के लिए उन्होंने आंदोलन का बिगुल फूका,आंदोलन पूरे भारत में फैलने लगा। चिपको आंदोलन उसी का एक हिस्सा था। जिसने 1972 में चिपको आंदोलन को धार दी। साथ ही देश-दुनिया को वनों के संरक्षण के लिए प्रेरित किया। परिणामस्वरूप चिपको आंदोलन की गूंज समूची दुनिया में सुनाई पड़ी। बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी बहुगुणा का नदियों, वनों व प्रकृति से बेहद गहरा जुड़ाव था। वह पारिस्थितिकी को सबसे बड़ी आर्थिकी मानते थे। यही वजह भी है कि वह उत्तराखंड में बिजली की जरूरत पूरी करने के लिए छोटी-छोटी परियोजनाओं के पक्षधर थे। इसीलिए वह टिहरी बांध जैसी बड़ी परियोजनाओं के पक्षधर नहीं थे। इसे लेकर उन्होंने वृहद आंदोलन शुरू कर अलख जगाई थी।

सुंदरलाल बहुगुणा के निधन पर प्रधानमंत्री, राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन समेत अन्य लोगों ने दुःख जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि  सुंदरलाल बहुगुणा जी का निधन हमारे देश के लिए बड़ी क्षति है। उन्होंने प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने की सदियों पुरानी परंपरा को जोड़े रखा। उनकी सादगी और करुणा की भावना को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। इसी के साथ राज्यपाल बेबी रानी मौर्य,मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत,विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल,नेता प्रतिपक्ष इंद्रा हृदेश,समाज सेवी एवं हंस फाउंडेशन के संस्थापक माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज ने बहुगुणा जी के निधर पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे देश की अपूरणीय क्षति बताया है।