हिंदी साहित्य भारती ने मुंशी प्रेमचंद जी की 141 वीं जयंती पर प्रेमचंद का किया भावपूर्ण स्मरण

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हिंदी साहित्य भारती के तत्वावधान में जनपद देहरादून में बैठक आयोजित कर समस्त सदस्यों द्वारा हिंदी साहित्य के भीष्म मुंशी प्रेमचंद जी की 141 वीं जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनका हिंदी साहित्य में योगदान का भावपूर्ण स्मरण किया गया साथ ही हिन्दी साहित्य भारती द्वारा संचालित गतिविधियों पर वक्ताओं द्वारा चर्चा की गई।

इस चर्चा के दौरान हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाए जाने के संकल्प को दोहराते हुए वक्ताओं ने कहा कि हिंदी भाषा इस देश का गौरव है। जिस प्रकार से अन्य भाषाओं को वर्तमान समय में महत्व दिया जा रहा है हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित किया जाना चाहिए हिंदी साहित्य भारती का यह प्रमुख उद्देश्य होगा कि जब तक हिंदी राष्ट्रभाषा घोषित नहीं हुई तब तक यह अभियान सतत रूप से प्रवाह मान रहेगा

बैठक मे पत्र लेखन को अधिक से अधिक भरवाने के सन्दर्भ में विचार रखते हुए हिन्दी साहित्य के प्रसार पर ध्यान देने की बात की गई।

इस अवसर पर प्रांतीय कार्यकारिणी एवं केंद्रीय कार्यकारणी के कार्यों की प्रशंसा करते हुए प्रेरणा लेने की बात की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रबोध उनियाल,संचालन डॉ सुनील थपलियाल ने किया। सरस्वती वंदना मणि अग्रवाल व देश भक्ति गीत अनीता भट्ट द्वारा प्रस्तुत किया गया ।

इस अवसर पर सत्यानंद बडोनी, कुसुम पंत,नीलम शर्मा,सरोजिनी भट्ट,अनीता ध्यानी,सरस्वती उनियाल, धर्म प्रकाश नौटियाल, नीलम जोशी, अनीता भट्ट मणि अग्रवाल,जनार्दन प्रसाद उनियाल आदि ने विचार व्यक्त किए।