विषमतम संकटों से जूझने की सनातनी क्षमता जगविदित है। कोरोना काल में धैर्य,मनोबल,संयम अनुशासन एवं परस्पर सहयोग के द्वारा हम इस भीषण परिस्थिति में भी अवश्य विजयी होंगे। कोविड महामारी का संक्रमण की दूसरी लहर पूरे विश्व में भयानक चुनौती बनकर देश के सम्मुख खड़ी है। महामारी की संक्रामकता एवं भीषणता पहले की अपेक्षा बहुत ही गम्भीर है।
इसकी क्रूरतापूर्ण मार आज देश के सभी भागों को झेलनी पड़ रही है। बड़ी संख्या में लोग संक्रमित होकर अस्पताल में दाख़िल हो रहे हैं। सैकड़ों परिवारों ने इस संक्रमण से अपने प्रियजनों को भी खोया है। विषमतम संकटों से जूझने की भारतवासियों की क्षमता से जगविदित है। वर्तमान समय में सरकारी तंत्र के साथ समाज शक्ति के द्वारा इस संक्रमण काल में धैर्य,मनोबल,संयम,अनुशासन एवं परस्पर सहयोग से ही इस वैश्विक महामारी से भारतवासी इस भीषण परिस्थिति में विजय पा सकते हैं।
इस वैश्विक महामारी की दूसरी लहर में जहां अचानक विकराल रूप लेने से अस्पतालों में बिस्तर,ऑक्सीजन या दवा जैसे आवश्यक संसाधनों की कमी के कारण पूरा देश कष्टों का सामना कर रहा है। केंद्र व राज्य के शासन और प्रशासन तथा स्थानीय निकायों द्वारा समस्या के निराकरण हेतु व्यापक प्रयास भी हो रहे हैं । चिकित्सा क्षेत्र के सभी बंधु,भगिनी,सुरक्षा एवं स्वच्छताकर्मी पहले की तरह जान हथेली पर रखकर तत्परता से अपने दायित्वों का समुचित निर्वहन कर रहे हैं। वहीं समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए समाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने सम विचारी संगठनों द्वारा हर आपदा में देश भर में अपने विभिन्न प्रकार के सेवा कार्यों में अपनी संक्रियताओं की भांति इस आपदा में भी स्वप्रेरणा से चुनौती की गम्भीरता को समझ कर सभी प्रकार के प्रयासों में संलग्न है ।
यह भी सच है कि समाज विघातक एवं भारत विरोधी शक्तियां इस गंभीर परिस्थिति का लाभ उठाकर देश में अनेक प्रकार का नकारात्मकता एवं अविश्वास का वातावरण खड़ा कर रही हैं। देशवासियों को समाज विघातक एवं भारत विरोधी शक्तियों का इस गंभीर परिस्थिति में अपने सकारात्मक प्रयासों से इन भारत विरोधी षड्यंत्रकारी शक्तियों के प्रति भी सजग रहना होगा।